
वन विभाग : आउटसोर्स व दैनिक कर्मचारियों की नियुक्ति में सामने निकल कर आ रही है फर्जीवाड़े की बात
उत्तराखंड : वन विभाग में आउटसोर्स व दैनिक कर्मचारियों की नियुक्ति में फर्जीवाड़े की बात सुनने में आ रही है। प्रमुख वन संरक्षक ने अस्थायी और आउटसोर्स कर्मचारियों का प्रभागीय स्तर से ब्यौरा तलब किया है। इसके बाद से ही फर्जीवाड़े की चर्चा तेज़ है।
जब से , ये खबर आयी है तबसे कर्मचारियों से लेकर अफसरो के स्तर पर अफरा तफरी मची हुई है।
कैम्पा व जायका परियोजना में नियुक्ति में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े की शिकायते आ रही है। विभाग में राज्य सेक्टर, केन्द्र पोषित के अन्तर्गत दैनिक वेतन श्रमिक व न्यायालयों के आदेशों के आच्छादित श्रमिकों के पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है।मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं, मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल के को पीएसएफ द्वारा पत्र भेजा गया है।
वन अधिकारियों से अधीनस्थ वन प्रभागों में लगे दैनिक श्रमिक, न्यायालयों के आदेशों के आच्छादित श्रमिक एवं आउटसोर्स से रखे श्रमिकों की संख्या के औचित्य की समीक्षा के साथ-साथ सूचना तय फॉरमेट पर पर उपलब्ध कराने को कहा गया है।
पत्र में कहा गया है ,” अधीनस्थ कार्यालयों में कैम्पा एवं जायका परियोजना के अन्तर्गत भी आउसोर्स श्रमिकों को भुगतान किया जा रहा है। व्यय पर नियंत्रण एवं रखे गए श्रमिकों की संख्या के औचित्य के दृष्टिगत प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी द्वारा उक्त मदों में प्रभागों द्वारा मांग, उसके सापेक्ष रखे गये श्रमिकों के औचित्य एवं विगत वर्ष से तुलना कर व्यय के परीक्षण व समीक्षा की जाए।”
अब सूचना उपलब्ध कराने के बाद ही विषयगत मदों में बजट आवंटन पर विचार किया जायेगा।माना जा रहा है कि अफसरों के चहेते कर्मचारियों ने ये अस्थाई कर्मचारियों की नियुक्तियों में बहित फायदा उठाया है।
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