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StartUps: जानें क्या है एक्सपीरियंशियल लर्निंग प्लेटफॉर्म है Playonomics

कर्मचारियों की भावनाओं के साथ-साथ डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा

प्रियंका बॉटनी ने 2014 में क्लिंटन ग्लोबल इनिशिएटिव की प्रायोजित, OpenIDEO के एक बिजनेस चैलेंज में भाग लिया और जीता भी।” इसके तुरंत बाद, प्रियंका ने कर्मचारियों के लिए उनकी इमोशनल इंटेलिजेंस में सुधार करने के वास्ते एक एक्सपीरियंशियल लर्निंग प्लेटफॉर्म Playonomics बनाया।
अप्रैल 2021 में हुई थी इसकी शुरआत
दरअसल प्रियंका का मानना था कि, अक्सर कंपनियां आईटी बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करती हैं। और कर्मचारियों की भावनाओं को कम महत्व दिया जाता है और यह उनके दैनिक जीवन और निर्णय लेने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है। हम संगठनों में डिजिटल परिवर्तन के साथ-साथ इमोशनल स्किल यानी भावनात्मक कौशल बनाने के लिए उस इंटेलिजेंस को लाने में मदद करते हैं।” हांलाकि 2014 और 2021 के बीच, Playonomics को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जिसमें रिसर्च करना और सब्जेक्ट को लेकर जानकारी हासिल करना, प्रोडक्ट की शिपिंग और एक टीम को एक साथ रखना शामिल था। 2014 में कैलिफोर्निया के सांता क्लारा में शुरू हुआ, Playonomcis को अप्रैल 2021 में बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप के रूप में रजिर्स्टड हुआ था।
Playonomics कैसे करता है काम….
Playonomics कर्मचारियों को मॉक एक्सपीरियंस से गुजरने में मदद करता है। जहां Playonomics AI और ML मॉडल की मदद से इंसान के रॉ डेटा का इस्तेमाल करके उनके भावनात्मक कौशल के बारे में फीडबैक प्रदान करता है।”ये SaaS प्रोडक्ट से कर्मचारियों को लाभ देता है। क्योंकि विभिन्न बिहेवियरल डेटा एनालिसिस रिपोर्ट्स से फीडबैक स्वयं को बेहतर बनाने के लिए विजुअल इनसाइट प्रस्तुत करेगी। दरअसल ” इमसें भाग लेने वाले अनुभवी कर्मचारियों की संख्या से ह्यूमन इंटरेक्शन डेटा कलेक्ट किया जाता है। उनकी भावनात्मक बुद्धि के स्तर पर एक रिपोर्ट देने के लिए उनके स्किल लेवल को मापते हैं।”
इसके बाद प्राइमरी रिसर्च कर्मचारियों के लिए निर्णय लेने और एक कॉर्पोरेट की डिजिटल परिवर्तन यात्रा में मानवीय भावनाओं को एकीकृत किया जाता है। जिसके लिए एक इन-हाउस टेक आर्किटेक्चर टीम रखी गयी है। ये विकास कार्य की आउटसोर्सिंग करती है। और एआई और एमएल मॉडल का पेटेंट कराती है।” प्रियंका की टीम में उदयभानु सिंह को सह-संस्थापक और सीटीओ, बीई और सीनियर एंड्रियोड इंजीनियर के रूप में नियुक्त किया। वह Playonomics के आर्किटेक्ट हैं, जो बाजार तक पहुंचने के लिए न्यूनतम व्यवहार्य उत्पाद (MVP) को संभव बनाते हैं। Playonomics में पार्टनर, श्रीनाथ बीके, TVS मोटर कंपनी के एक सेवानिवृत्त VP शामिल हैं।
कर्मचारियों की भावनाओं के साथ-साथ डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा
प्रियंका का कहना है कि स्टार्टअप का उद्देश्य कर्मचारियों की भावनाओं के साथ-साथ डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देना है। Playonomics एक B2C व्यवसाय मॉडल को फॉलो करता है, जहां कर्मचारियों को अनुभवों में भाग लेने और स्किल को अनलॉक करने की जरुरत होती है। इसका बी2बी मॉडल प्रति कंपनी कर्मचारियों की संख्या पर आधारित है। बड़े पैमाने पर कंपनियों को उनके कर्मचारी आकार और इंटीग्रेशन के लेवल के आधार पर डिजिटल परिवर्तन यात्रा में भाग लेने के लिए चार्ज करते हैं। B2C एमवीपी डेटा आसानी से उपलब्ध है। और एआई मॉडल का इस्तेमाल करके एक्सपर्ट प्रोडक्ट को एनालिसिस किया जाता है। वहीं B2B प्रोडक्ट के लिए उच्च सुरक्षा बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होती है। क्योंकि इसे आईटी इंटीग्रेशन के साथ या बिना लागू किया जा सकता है।
एमवीपी की लागत है लगभग 25,000 डॉलर
प्रियंका ने बताया कि, एमवीपी की लागत लगभग 25,000 डॉलर है। और इसे फरवरी 2022 में लॉन्च करने में टीम को एक साल से अधिक का समय लगा। एमवीपी को लॉन्च करने से पहले स्टार्टअप में 8 साल तक रिसर्च हुई। और एक सहज अनुभव के लिए निरंतर सुधार करती रहती हैं। फलस्वरुप आज अपने समाधानों के साथ बाजार की समस्याओं का समाधान करने के लिए पर्याप्त डेटा है। ग्राहक की जरूरतों के आधार पर B2B उत्पाद में हमें तीन से छह महीने और लगेंगे। प्रियंका कहती हैं, “हमारा मानना है कि आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर को अधिक अपनाने की आवश्यकता है, और यह मानवीय हस्तक्षेप, बड़ी तस्वीर को समझने और मानवीय भोग को छोड़कर हो सकता है।”

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