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StartUPs: जानें स्टार्टअप को मिलने वाली केंद्र और राज्य सरकार की नीतियां के बारे में …

इस साल के बजट से स्टार्टअप्स को क्या मिला?

भारत ने खुद को दुनिया भर में सबसे बड़े स्टार्टअप हब के रूप में स्थापित किया है। भारत में हर दूसरे दिन एक नया स्टार्टअप अवसरों की तलाश में शुरू किया जाता है लेकिन 90% स्टार्टअप शुरुआती स्टेज में ही विफल हो जाते हैं। देश में स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए न सिर्फ केंद्र बल्कि राज्य सरकारें भी अपनी कई योजनाओं और स्कीमों के तहत मदद कर रही हैं। वहीं इस बार के बजट में भी स्टार्टअप्स के लिए कई घोषणाएं की गईं।

केंद्र सरकार कैसे कर रही मदद: 

-केंद्र सरकार ने 300 आईटी स्टार्टअप को मदद करने के लिए एक कार्यक्रम की शुरुआत की है। समृद्ध प्रोग्राम के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और आइटी मंत्रालय द्वारा चयनित स्टार्टअप को 40 लाख रुपये तक का सीड फंड उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही छह महीने तक उन्हें मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। बता दें कि सरकार का लक्ष्य चुने हुए स्टार्टअप में से 100 को यूनीकार्न स्टार्टअप बनाना है (यूनीकार्न उन कंपनियों को बोला जाता है, जिनका मार्केट कैप एक अरब डॉलर होता है)।

जानकारी के मुताबिक प्रोडक्ट इनोवेशन, डेवलपमेंट और ग्रोथ (समृद्धि) के लिए स्टार्टअप एक्सेलेरेटर की अवधारणा को सिलिकान वैली स्थित एक्सेलेरेटर वाईकांबीनेटर की तर्ज पर तैयार किया गया है।

-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से सभी बैंकों को निर्यात से जुड़ी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने का निर्देश है। निर्यात प्रोत्साहन के लिए “वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट” प्रोग्राम के प्रोत्साहन के लिए बैंक राज्यों के साथ मिलकर काम करेंगे। वहीं बैंकों को निर्यात के सुगम लोन के लिए फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) और अन्य एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के साथ संपर्क में रहने के लिए कहा गया है। बैंकों से सनराइज सेक्टर को पूरी मदद करने के लिए भी कहा गया है।

उत्तर प्रदेश सरकार की क्या हैं नीतियां:

उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति-2021 के तहत संयंत्र, मशीनरी के निवेश पर पूंजीगत सब्सिडी दी जाती है। यह सब्सिडी कुल निवेश राशि का 15 फीसदी होती है और ज्यादा से ज्यादा 200 करोड़ रुपये तक हो सकेगी। सरकार यह सब्सिडी सात साल की अवधि में किश्तों में देती है। पहली किश्त उत्पादन शुरू होने पर दिया जाता है।

साथ ही हर फार्मा पार्क हर साल एक करोड़ रुपये की अधिकतम सब्सिडी के तहत सात वर्षों के लिए हासिल किए गए ऋण के ब्याज पर 50 फीसदी की छूट दी जाती है। इस नीति से उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति-2020 में स्थापित स्टार्टअप फंड के उपयोग से चिकित्सा को बढ़ावा मिलता है।

वहीं नीति के तहत निजी फार्मास्युटिकल पार्कों में सामान्य बुनियादी ढांचे और उपयोगिताओं को विकसित करने के लिए पूंजीगत सब्सिडी निवेश मूल्य का 15 फीसदी होती है। यह अधिकतम 25 करोड़ रुपये की सीमा के अधीन है। सड़क, पार्क, ड्रेनेज सिस्टम के निवेश पर कैपिटल सब्सिडी नहीं दी जाती है।

नये अनुसंधान के लिए लिए गए कर्ज पर 60 फीसदी ब्याज प्रतिपूर्ति

बायोटेक, चिकित्सा युक्तियों और फार्मा क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए स्थापित नए अनुसंधान एवं विकास संस्थानों को ऐसी सुविधा स्थापित करने के लिए हासिल ऋण पर 60 फीसदी ब्याज की प्रतिपूर्ति के रूप में पूंजीगत ब्याज सब्सिडी प्रति परियोजना दो करोड़ रुपये अधिकतम दी जाती है। क्लिनिकल परीक्षण नीति अवधि के दौरान एक वित्तीय वर्ष में प्रदेश के अंदर स्थित अनुसंधान एवं विकास कार्यों पर प्रति परीक्षण पर किए गए कुल व्यय का 75 फीसदी अधिकतम दो करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति दी जाती है।

प्रदेश के अंदर स्थित यूजीसी, सरकार, एआईसीटीई की ओर से अनुमोदित मान्यता प्राप्त अनुसंधान एवं विकास संस्थान को किसी भी औद्योगिक इकाई अथवा उद्योग संघ की ओर से प्रायोजित बायोटेक और फार्मास्युटिकल अनुसंधान परियोजनाओं के अनुसंधान कार्य की लागत का 50 फीसदी भूमि और भवन लागत को छोड़कर। इस सब्सिडी पर अधिकतम दो करोड़ रुपये की सीमा के अधीन विचार किया जाता है।

इकाइयों को प्रोत्साहन

अधिकतम एक करोड़ प्रति वर्ष सब्सिडी के अधीन, संयंत्र और मशीनरी की खरीद के लिए हासिल किए गए ऋण पर प्रतिपूर्ति के रूप में पांच वर्षों के लिए ब्याज राशि का 50 फीसदी ब्याज सब्सिडी प्रति यूनिट प्रतिवर्ष दिया जाता है। रिसर्च के लिए सब्सिडी- औद्योगिक अनुसंधान, गुणवत्ता सुधार और उत्पादों के विकास के लिए परीक्षण प्रयोगशालाओं और गुणवत्ता प्रमाणन प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए संयंत्र, मशीनरी, उपकरणों की खरीद पर खर्च के लिए हासिल किए गए ऋण पर प्रतिपूर्ति के रूप में 5 वर्ष के लिए हर वर्ष ब्याज राशि का 50 फीसदी ब्याज सब्सिडी के रूप में दिया जाता है, जो दो करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं होता है।

बल्क ड्रग पार्कों और चिकित्सा युक्ति पार्कों में स्थापित इकाइयों को 10 वर्ष की अवधि के लिए ब्याज अनुदान दिया जाता है। कच्चे और तैयार माल को देश के अंदर लाने और बाहर ले जाने के लिए सरकार की ओर से समय-समय पर तय की गई दर पर एयर कार्गो हैंडलिंग चार्ज और फ्रेट चार्ज के लिए विशेष प्रोत्साहन दिया जाता है।

निर्यात प्रमाणन आवेदन पर व्यय का 50 फीसदी प्रतिपूर्ति 

निर्यात के लिए प्रमाणन अथवा अनुमोदन या किसी अंतरराष्ट्रीय प्रमाण पत्र, अनुमोदन के लिए किए गए आवेदन व्यय का 50 फीसदी प्रति यूनिट अधिकतम 10 उत्पाद तक 25 लाख रुपये प्रति उत्पाद के अधीन प्रतिपूर्ति की जाती है। यह प्रोत्साहन कम से कम 100 करोड़ रुपये के वाणिज्यिक निर्यात के सत्यापन के बाद दिया जाता है।

घरेलू पेटेंट फाइलिंग लागत की 100 फीसदी प्रतिपूर्ति होगी

प्रदत्त पेटेंट पर घरेलू पेटेंट के लिए पेटेंट फाइलिंग लागत का 100 फीसदी तक अधिकतम 1.5 लाख रुपये और अंतरराष्ट्रीय पेटेंट पर फाइलिंग लागत का 50 फीसदी तक अधिकतम पांच लाख रुपये प्रतिपूर्ति की जाती है। आयुष और फाइटोमेडिसिन का निर्माण करने वाली इकाइयां नीति अवधि में प्रदत्त पेटेंट पर वास्तविक फाइलिंग लागत की पूरी लागत की प्रतिपूर्ति ले सकती हैं।

इस साल के बजट से स्टार्टअप्स को क्या मिला?

-विभिन्न एप्लीकेशन्स और ड्रोन सदस्यता सेवाओं के माध्यम से ‘ड्रोन शक्ति’ की सुविधा के लिए स्टार्ट-अप का समर्थन किया जाएगा। एक नए कांसेप्ट के तहत “विभिन्न एप्लीकेशेन्स के माध्यम से ड्रोन शक्ति की सुविधा के लिए और एक सेवा के रूप में एक ड्रोन के लिए स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाएगा।”

-इसके अलावा,  सह-निवेश मॉडल के तहत एक फंड जुटाया जाएगा और नाबार्ड के माध्यम से कृषि और ग्रामीण उद्यमों के लिए स्टार्ट-अप को वित्तपोषित करने की सुविधा प्रदान की जाएगी। जो कृषि उत्पादों के लिए मूल्य श्रृंखला के लिए प्रासंगिक हैं। इसके अलावा स्टार्ट-अप  FPO का समर्थन करेंगे और किसानों को प्रौद्योगिकी प्रदान करेंगे।

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