![](/wp-content/uploads/2022/05/solar-tree-500x500-1.jpg)
Start-Up
स्टार्टअप: पढें बिजली की बचत करने वाले स्टार्टअप सोलर ट्री की सफलता की कहानी…
एक अधिकारी ने बताया कि, सौर पैनल लगाने में जगह की कमी सबसे बड़ी रुकावट बनती है।
ओडिशा के गंजाम जिले स्थित ब्रह्मपुर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान यानि आईटीआई के छात्रों ने एक सौर वृक्ष यानि सोलर ट्री विकसित किया। जिसे ब्रह्मपुर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान परिसर में लगाया गया है।
जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि, सौर पैनल लगाने में जगह की कमी सबसे बड़ी रुकावट बनती है। उन्होंने बताया कि इस सौर वृक्ष की खासियत यह है कि, यह बहुत कम जगह लेता है। और इसे इमारत के पास कहीं भी लगाया जा सकता है। ये ढांचा धातु से बना है। और इसे वृक्ष की तरह बनाया गया है। इस वृक्ष की धातु से बनी शाखाओं से जुड़े सौर पैनल सूरज की रोशनी की मदद से ऊर्जा उत्पादन करते हैं।
उन्होंने बताया कि, 2 किलोवाट की प्रणाली का परीक्षण हाल ही में शुरू हुआ है। आईटीआई ब्रह्मपुर के प्राचार्य रजत पाणिग्रही ने बताया कि, ‘‘वृक्ष को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि, हर एक सौर पैनल को सूरज की पूरी-पूरी रोशनी मिलती रहे।’’ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इसमें 12 सोलर पैनल लगे हैं, जिसकी ऊंचाई 12 फीट है। इसे विकसित करने में करीब 2 लाख रुपये खर्च हुए हैं।
दरअसल ‘‘सौर वृक्ष की अवधारणा नई नहीं है। लेकिन आईटीआई ब्रह्मपुर ने इसे राज्य में पहली बार बनाया है।’’ उन्होंने बताया कि, शिक्षण स्टाफ के मार्गदर्शन में प्रायोगिक आधार पर सौर वृक्ष को विकसित करने में छात्रों को लगभग 5 दिन लगे। बता दें कि इससे पहले, सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ने दुनिया का सबसे बड़ा सोलर ट्री विकसित किया था। जिसे पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक आवासीय कॉलोनी में लगाया गया था।