Start-Up

देश में तेजी से बढ़ रहा स्टार्टअप का मार्केट, अब यूनिकॉर्न और डेकाकॉर्न का चलने लगा है तूफान

विदेशी निवेश और देश की मजबूत होती अर्थव्यवस्था के कारण बढ़ा स्टार्टअप का मार्केट ।

विदेशी निवेश और देश की मजबूत होती अर्थव्यवस्था के कारण स्टार्टअप का मार्केट अब बहुत तेजी से बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में बात करें तो यूनिकॉर्न (Unicorn) यानी एक अरब डॉलर से ज्यादा के मूल्यांकन वाली कंपनियों देश में तेजी से बढ़ती जा रही हैं। यही नही, बायजू जैसे स्टार्टअप डेकाकॉर्न हो गए हैं।

अप्रैल के इस सप्ताह लगभग रोज ही एक नए यूनिकॉर्न ने अपना नाम दर्ज कराया है। वेंचर कैपिटल निवेशकों और विशेषज्ञों के अनुसार वर्ष 2025 तक भारत में ऐसी इकाइयों की संख्या बढ़कर 150 हो जाएगी। स्टार्टअप उद्योग के सूत्रों के अनुसार यूनिकॉर्न की फेहरिस्त में पहली 50 स्टार्टअप इकाइयां एक या दो वर्षों में जुड़ जाएंगी। ऐसी इकाइयों को आगे बढ़ाने के लिए रकम की भी कोई कमी नजर नहीं आ रही है।

तो वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार निजी इक्विटी कंपनियों से लगतार आ रही रकम से भारत में पूंजी की कमी से निपटने में काफी मदद मिली है। भारतीय कंपनियों के लिए निजी इक्विटी कंपनियों में रकम का प्रवाह बढऩा स्टार्टअप इकाइयों की संख्या में इजाफे की एक अहम वजह है। पीई इस कदर बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं कि निजी बाजार में जुटाई गई रकम के आंकड़े पिछले दशक के प्रत्येक अंतिम वर्ष में सार्वजनिक बाजार में हुए लेनदेन से अधिक हो गए हैं।

गौरतलब है कि भारत जैसे प्रति व्यक्ति कम आय वाले देशों में अधिक मात्रा में पूंजी आम तौर पर उपलब्ध नहीं होती है। पिछ ले एक दशक में पूरी दुनिया में प्राइवेट इक्विटी कंपनियों का दबदबा बढ़ा है। पेंशन और बीमा फंड प्रबंधक ब्याज दरें काफी निचले स्तर पर होने की वजह से वैकल्पिक परिसंपत्तियों में रकम लगा रहे हैं। इस वजह से प्रावइेट इक्विटी कंपनियों का बोलबाला कम होता नहीं दिख रहा है।

Follow Us
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
%d bloggers like this: