स्टार्टअप : शुरू करने जा रहे हैं अपना स्टार्टअप, ध्यान रखें ये बातें, कम लागत में होगा ज्यादा फायदा !
स्टार्टअप शुरू करने की प्लानिंग करना बहुत ही आसान सा लगता है। लेकिन एक पूरी प्लानिंग के पीछे बड़ा बजट होना चाहिए। किसी भी नए स्टार्टअप का भविष्य उसके आइडिया, प्लानिंग तथा फंड्स पर टिका होता है।
स्टार्टअप शुरू करने से पहले एक ऐसा प्लान भी जरुरी है जिससे स्टार्टअप शुरू करने के दौरान कम लागत में काम हो जाये। अगर स्टार्टअप कम बजट में शुरू हो गया तो बचे हुए बजट से उसे आगे बढ़ाने में काफी हेल्प मिल जाएगी।
आज हम कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जिससे स्टार्टअप के बजट में बचत हो सकेगी। इन तरीकों को अपना कर अपने खर्चें कम कर सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ टिप्स:-
शेयरिंग ऑफिस का उपयोग करें
स्टार्टअप शुरू करने के लिए सबसे पहली चीज जिसकी जरूरत पड़ती है वो है जगह या यूं कह लें की ऑफिस। स्टार्टअप शुरू करने के साथ ही अगर आप बड़े जगह को किराये पर लेते हैं तो जाहिर से बात है उसके लिए बजट भी बड़ा चाहिए। ऐसे में शेयरिंग ऑफिस का उपयोग करना बेस्ट ऑप्शन हो सकता है।
जिस तरह लोग रूम शेयर करके रहते हैं वैसे ही शेयरिंग ऑफिस में अपना सैटअप स्टार्ट कर सकते हैं। इसके लिए किसी ऑफिस में अपना ऑफिस सेट करना होगा जिसका रेंट आधा आधा भुगतान करना पड़ेगा।
फुलटाइम एम्प्लाई रखने से बचें
स्टार्टअप के शुरुआत में फुलटाइम कर्मचारी रखना आपके बजट को बिगाड़ सकता है। इसके साथ ही यह आपके लिए घाटे का सौदा साबित हो सकता है। ऐसे में आप इसके बजाय फुलटाइम एम्प्लाई न रख कर आप फ्रीलांसर्स एम्प्लाई से काम करवाएं।
ऐसे में काम खत्म होने के बाद आपको अनावश्यक सैलेरी का भुगतान नहीं करना होता है। इसके साथ ही इसमें आपके ऊपर कोई जिम्मेदारी नहीं आती।
रिफर्बिश्ड सामानों का उपयोग करें
रिफर्बिश्ड सामान वो सामान हैं जिनमें कोई मामूली डिफेक्ट होता है। जिसके कारण यूजर ने उन्हें खरीदने के बाद वापस लौटा दिया। कंपनी इन्हीं सामानों को फिर से सही करके रिचैक करती हैं और उसके बाद सस्ते दामों में बाजार में निकाल देती है।
इस तरीके से अगर आपको एक नया कम्प्यूटर चालीस हजार का पड़ रहा है तो उसी ब्रॉन्ड और कन्फीगरेशन वाला रिफर्बिश्ड कम्प्यूटर आपको 25 से 35 हजार रुपए के बीच मिल जाएगा। साधारण तरीके से कहें तो आप सेकेण्ड हैंड चीजों का इस्तेमाल करें।
ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर का करें इस्तेमाल
नए स्टार्टअप के लिए प्रीमियम सॉफ्टवेयर्स खर्चा बढ़ा सकते हैं। ऐसे में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें। उदाहरण के तौर पर बताएं तो जैसे की आप किसी सॉफ्टवेयर का प्रीमियम मेंबरशिप खरीदने जा रहे हैं तो आपको उसका अधिक भुगतान करना पड़ेगा। लेकिन अगर आप किसी ऐसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर लेते हैं जो क्रैक हो या फिर पाइरेटेड हो तो आपका ये पैसा भी बचेगा।