Start UP: जानें सिम कार्ड से लेकर हजारों करोड़ की कंपनी खड़ी करने वाले लड़के की कहानी
ओयो का एक बड़ा प्लेटफार्म तैयार किया
कहते हैं जिंदगी में कुछ करना है तो हार नहीं माननी यही कुछ ऐसी स्थित है ओयो को तैयार करने वाले रितेश अग्रवाल की तो आइए जानते हैं रितेश अग्रवाल की सफलता के पीछे की कहानी की उन्होंने कैसे ओयो का एक बड़ा प्लेटफार्म तैयार किया।
रितेश अग्रवाल नाम की जिस कॉलेज और ड्रॉप को नौकरी दी जा रही थी। वह रितेश अग्रवाल आज एक स्टार्टअप की दुनिया का बेताज बादशाह बन चुका है। जी हां यह वही रितेश कुमार जिन्होंने देश की सबसे बड़ी होटल चैन ओयो कंपनी का निर्माण किया है। इतना ही नहीं रितेश अब इस कंपनी में दुनिया के कुछ बड़े इन्वेस्टर्स अब अरबों डालर लगाने जा रहे हैं। यदि यह दुनिया के कुछ इन्वेस्टर्स और रितेश अग्रवाल में समझौता होता है तो ओयो फ्लिपकार्ट पेटीएम और ओला के साथ ही चौथा सबसे बड़ा स्टार्टअप कंपनी बन जाएगी। और इसी के साथ रितेश अग्रवाल हजारों करोड़ के समराज के मालिक हो जाएंगे।
रितेश ने अपने जीवन का वह दौर भी बताया जाए उन्हें ₹50 की टिप दी जाती थी। उन दिनों उनके पास गुड़गांव का एक होटल था। और वह उसी होटल के मैनेजर थे। और होटल के कमरों का दिखाने का जिम्मा भी उन्हीं के पास था साथ ही सातवा हाउसकीपिंग का कार्य भी करते थे।लेकिन आज पूरे भारत में आयोग के एक लाख से अधिक कमरे हैं। आपको बता दें कि आप चीन का बाजार भी ओयो को कब्जा करने में लगी है और हर महीने वहां अपनी चैन में हजारों कमरों को बोल रही हैं।
फिल्मी कहानी से कम नहीं है रितेश की कहानी
रितेश अग्रवाल उड़ीसा के गढ़वाली परिवार से संबंध रखते हैं। रितेश का यह सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। बता दें कि रितेश अपने जीवन में है सिम कार्ड बेचा करता था। और इसी ललक ने उसे यहां तक पहुंचा दिया। बता दें कि नक्सली गतिविधियों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहने वाला रितेश अग्रवाल को अपने जीवन में कुछ अलग करने की ललक थी। इसी के चलते जब उन्हें कोचिंग के लिए कोटा भेजा गया दुआ हर सप्ताह कोटा से लिया जाते थे। और वह अलग अलग धंधे में हाथ आजमा रहे anterpranior से मिलते थे ।
किराए के कमरे में रुकने से आया oyo का आईडिया
रितेश को ओयो का आईडिया एक बार किराए के कमरे में रुकने से आया। क्या हुआ है किराए के कमरे में रुके तूने कार्टून देखने के लिए तरसना पड़ा। अग्रवाल को ओयो यानी ऑन योर ओन कमरों का कांसेप्ट आया। होटलों में वह आनी और रूम के नाम से कमरे लेने शुरू किए और बेहतरीन साफ-सफाई और सर्विस कैसा कल्चर पैदा किया कि देखते-देखते वह काफी लोकप्रिय हो गए। खासकर बजट होटल में ठहरने वाले नौजवानों के बीच में। लोगों को ओयो कमरों में ठहरने का अनुभव काफी अच्छा लगा और रितेश अग्रवाल काया स्टार्टर चार-पांच साल में बेहद मशहूर हो गया।
बता दें कि 2015 में सॉफ्टबैंक के दिग्गज ने 630 करोड़ का निवेश किया जिसके चलते ओयो ने पूरे भारत में अपनी धाक जमा ली। अब दुनिया के दिग्गज ओयो में एक और और निवेश करना चाहते हैं इसी के साथ वह 4 अरब डालर यानी 28000 करोड़ पर की कंपनी बन जाएगी।
चीन में धाक जमाने की तैयारी में oyo
भारत में अपार सफलता हासिल करने के बाद युवक चीन में विधायक जमाने की तैयारी कर रहा है। कंपनी चीन स्टेज पर दो-तीन साल से काम कर रही है। इस दौरान इसने 50 शहरों से अधिक जगह पर 50,000 से अधिक कमरों को जोड़ लिया है। 12 और निवेश करते हैं या दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी स्टार्टअप कंपनी बन जाएगी।