मध्यप्रदेश के स्कूलों में दिखी रौनक, गाइडलाइन फॉलो करवाते दिखें टीचर्स
बुधवार से मध्यप्रदेश में 6ठी से लेकर 8वीं तक के स्कूल खुल गए। स्कूलों में 17 महीने बाद रौनक देखने को मिली। साथ ही बच्चे भी खुश नजर आए। हालांकि शिक्षक कड़ाई से स्कूल कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाते नजर आए।
बुधवार को मध्यप्रदेश के भोपाल के शासकीय सरोजिनी नायडू कन्या स्कूल में अलग ही नजारा था। अपने स्कूल पहुंचकर छात्राएं प्रसन्न थी। साथ ही कड़ाई से गाइडलाइन का पालन कराया गया।
स्कूल के गेट पर ही टेप्रेचर नापने की मशीन और सेनेटाइजर की व्यवस्था थी। बच्चों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ स्कूलों में बैठने की व्यवस्था की गई है। बच्चों को कक्षा में माता-पिता की सहमति का पत्र लेने के बाद ही बैठाया गया।
इंदौर से खबर है कि वहां भी स्कूल खुलने से बच्चे खुश हैं, लेकिन सभी के माता-पिता से सहमति पत्र मंगवाए गए थे। 17 महीने बाद इंदौर के बालविनय मंदिर में भी रौनक देखने को मिली।
अपने दोस्तों के साथ बच्चे मिलते-जुलते नजर आए। अपने दोस्तों के साथ कई महीने बाद समय व्यतीत होने से बच्चे भी उत्साहित नजर आए।
गाइडलाइन के अनुसार टीकाकरण अनिवार्य स्कूलों के शिक्षकों को किया गया है। राजधानी भोपाल के साथ ही प्रदेश के सभी स्कूलों में वैक्सीनेशन लगभग पूरा हो गया है।
80 फीसदी से अधिक प्रदेश के शिक्षकों को वैक्सीन का पहली खुराक मिल चुकी है। वहीं फिलहाल दूसरे डोज वाले शिक्षकों की संख्या 60 फीसदी है।
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