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साध्वी निरंजन ज्योति ने की गेहूं खरीद की समीक्षा, अधिकारियों ने मांगा ब्यौरा

लखनऊ: राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने आज भारतीय खाद्य निगम, क्षेत्रीय कार्यालय का दौरा किया उत्तर प्रदेश राज्य में गेहूं खरीद की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में रजत शर्मा (महाप्रबंधक उत्तर प्रदेश तथा मंत्रालय,राज्य सरकार) व भारतीय खाद्य निगम के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। साथ ही प्रदेश के गेहूं क्रय केन्द्रों के प्रभारी एवं किसान भी विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में जुड़े। इस दौरान प्रदेश में गेहूं खरीद से संबन्धित मुद्दों पर चर्चा की गयी।

1.63 लाख किसानों ने ही गेहूं विक्रय के लिए कराया पंजीकरण

महाप्रबंधक,भारतीय खाद्य निगम (उत्तर प्रदेश) द्वारा रबी विपणन सत्र 2023-24 के तहत उत्तर प्रदेश में अब तक हुई खरीद का ब्यौरा देते हुए बताया कि समस्त सरकारी एजेंसियों द्वारा कुल 2.12 लाख टन गेहूं की खरीद की जा सकी है। इस साल खराब मौसम, असमय वर्षा, ओलावृष्टि आदि से फसल को हुई क्षति, अधिक बाजार भाव, पिछले वर्ष गेहूं के बाजार भाव काफी बढ़ने के कारण मझोले-बड़े किसानों,व्यापारियों द्वारा गेहूं न बेचना, कम खरीद के कुछ कारण रहे। इन कारणों से इस वर्ष केवल 1.63 लाख किसानों ने ही गेहूं विक्रय हेतु पंजीकरण कराया है, जोकि पिछले वर्षों की अपेक्षा में कम है। गेहूं खरीद के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया गया कि सभी सरकारी एजेंसियों द्वारा 5900 से अधिक गेहूं क्रय केंद्र खोले गए हैं,जबकि किसानों की सुविधा तथा खरीद बढ़ाने की दृष्टि से एफ़सीआई पिछले वर्ष की तुलना में इस बार तीन गुने अधिक क्रय केंद्र संचालित कर रहा है। इससे खरीद के प्रतिशत में तुलनात्मक काफी वृद्धि भी हुई है।

किसानों को लाभ पहुंचाना ही प्राथमिकता

उन्होंने बताया, खराब मौसम से फसल की गुणवत्ता प्रभावित होने के चलते किसानों को नुकसान से बचाने के लिए गुणवत्ता मानकों में शिथिलन किया गया है और शिथिल मानक गेहूं की खरीद भी बिना कोई कटौती किए की जा रही है ताकि किसानों को समर्थन मूल्य का पूरा-पूरा लाभ प्राप्त हो सके। कृषकों से सीधे खरीद के अतिरिक्त ग्राम-पंचायतों,आढ़तियों एवं एफ़पीओआदि के माध्यम से कमीशन आधार पर खरीद हेतु भी निर्देश जारी किए गए हैं, साथ ही नैफेड एजेंसी भी गेहूं क्रय हेतु अतिरिक्त नामित की गयी है। इसके अतिरिक्त चलित क्रय केन्द्रों द्वारा भी गाँव/फार्म पर ही खरीद भी की जा रही है।

वहीं, प्रदेश में मोटे अनाजों की खरीद पर चर्चा करते हुए यह पाया गया कि प्रदेश में मोटे अनाजों के उत्पादन को देखते हुए खरीद में वृद्धि हेतु अधिक प्रभावी उपाय किए जाने की आवश्यकता है। मोटे अनाजों की खरीद हेतु अधिक उत्पादन वाले क्षेत्रों की पहचान, एवं कम से कम 5 लाख टन मोटे अनाजों की खरीद का लक्ष्य प्राप्त करने हेतु ऐसे क्षेत्रों में क्रय केन्द्रों के सघन तंत्र के विकास पर बल दिया गया, क्योंकि मोटे अनाजों मे पौष्टिक तत्वों की प्रचुरता जनसाधारण के स्वास्थ्य हेतु लाभदायक है अतः पीडीएस मे इसका वितरण बढ़ाया जाना चाहिए।

 

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