पंजाब में पंज प्यारे वाले बयान पर बढ़ा बवाल, हरीश रावत ने मांगी माफ़ी
बुधवार को कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने अपने बयान को लेकर माफी मांगते हुए कहा कि उन्होंने गलती की है और वह अपनी गलती के लिए सभी से माफी मांगते हैं।
नई दिल्ली : पंजाब में कांग्रेस पार्टी के बीच पैदा हुआ मनमुटाव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने मंगलवार को पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और उनके कार्यकारी अध्यक्षों के लिए पंज प्यारे शब्द का इस्तेमाल किया था। हरीश रावत के इस बयान के बाद सियासत गर्म होने लगी और विपक्षी जलेना रावत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। जिसके बाद आज पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने अपने द्वारा दिए गए बयान पर माफी मांग ली है।
रावत पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए अकाली दल ने उनके ऊपर मामला दर्ज करने की मांग करी। मगर इस पूरे बयान पर विवाद बढ़ते देख आज यानी बुधवार को रावत ने अपने बयान को लेकर माफी मांगते हुए कहा कि उन्होंने गलती की है और वह अपनी गलती के लिए सभी से माफी मांगते हैं। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए रावत ने कहा कि वह अपने राज्य उत्तराखंड में गुरु के घर में झाड़ू लगाकर अपनी इस गलती का प्रायश्चित करेंगे। उनकी मंशा किसी की तुलना पंज प्यारों से करने की नहीं थी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पंज प्यारे सिख धर्म के विधिवत दीक्षा प्राप्त अनुयायियों का सामूहिक रूप है। वर्ष 1699 13 अप्रैल को श्री गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना श्री आनंदपुर साहिब में की थी। सर्वप्रथम इसी दिन उन्होंने पंज प्यारों को अमृत पान करवाकर खालसा बनाया और इसके बाद उन पंज प्यारों के हाथों से स्वयं भी अमृत पान किया था।
मंगलवार को पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने पंजाब कांग्रेस भवन में नवजोत सिंह सिद्धू और कार्यकारी अध्यक्षों से मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच चुनाव से पहले संगठन विस्तार पर चर्चा हुई। हरीश रावत ने कहा कि चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी को योग्यता के अनुसार काम सौंपा जाएगा।
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