रोबोट के द्वारा सर्जरी करने वाला राज्य का पहला राजकीय मेडिकल कॉलेज बनेगा जीएसवीएम
स्वास्थ्य सेवाओं को अपग्रेड करने की राज्य और केंद्र सरकार ने की पहल
गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल (जीएसवीएम) मेडिकल कालेज यूपी का पहला मेडिकल कॉलेज बनने जा रहा है जहां जल्द ही रोबोट पेट की सर्जरी करेंगे। इसके लिए शासन को प्रस्ताव तैयार कर के भेजा गया है। शासन द्वारा हरी झंडी मिलने में 6 महीने का वक्त लग सकता है शासन का आदेश मिलते ही यहां सर्जरी शुरू हो जाएंगी।
प्रदेश का यह पहला राजकीय मेडिकल कॉलेज होगा जहां रोबोट द्वारा सर्जरी की जायेगी। इस रोबोट की कीमत 35 करोड़ रुपये है जो अमेरिका से आएंगे। अभी तक यूपी में लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एस जी पी जी आइ) के इंडोक्राइनोलाजी विभाग में ही रोबोटिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है। जो कि एक केंद्रीय संस्थान है।
कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर के बाद स्वास्थ्य सेवाओं को अपग्रेड करने की पहल के तहत केंद्र सरकार को विश्व बैंक द्वारा एक हजार करोड़ रुपये का बजट दिया जा रहा है। उसके अंतर्गत केंद्र ने राज्य सरकारों से राजकीय मेडिकल कालेजों को बेहतर बनाने के लिए उचित उपकरण मुहैया कराने को प्रस्ताव मांगे हैं। जिसपर जीएसवीएम के प्राचार्य ने रोबोटिक सर्जरी के उपकरण का प्रस्ताव भेजा है।
हाथ से सर्जरी करने पर हाथों के कांपने से चूक हो सकती है। इससे कोई दूसरी नस या कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। रोबोट की मदद से सर्जरी करने पर अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन या एम आर आइ मशीन से सर्जरी वाले बॉडी पार्ट को पहचान कर के कंप्यूटर से कमांड देकर सर्जरी की जाएगी। इसमें चूक होने की गुंजाइश न के बराबर होगी। और इससे सर्जरी भी बेहतर होगी।
छोटी आंत और बड़ी आंत की सर्जरी, अपेंडिक्स, गाल ब्लैडर की पथरी और कैंसर की सर्जरी, गुर्दे की सर्जरी, पेट का कैंसर ये सब सर्जरी रोबोट की मदद से की जायेंगी।
मोटापा से निजात के लिए की जाने वाली बैरियाटिक सर्जरी भी रोबोट की मदद से आसानी से होगी। इसकी मदद से मधुमेह से मुक्ति पाने वाली मेटाबालिज्म सर्जरी भी हो सकेगी।
केंद्र सरकार को शासन के माध्यम से एक प्रस्ताव भेजा गया है। जिसमें रोबोटिक सर्जरी के लिए 35 करोड़ रुपये के उपकरण मंगाए जाएंगे। रोबोटिक सर्जरी के उपकरण अभी तक किसी राजकीय मेडिकल कालेज में नहीं हैं। -प्रो. संजय काला, प्राचार्य जीएसवीएम मेडिकल कालेज