
योगी सरकार का एक्शन, गाजियाबाद की पूर्व डीएम निधि केसरवानी सस्पेंड
जांच आख्या उपलब्ध होने के बावजूद अग्रिम कार्रवाई में विलंब करने पर नियुक्ति विभाग के अनुभाग अधिकारी समीक्षा अधिकारी को भी योगी सरकार ने निलंबित करने के आदेश दिया है।
लखनऊ: दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के भूख अधिग्रहण में हुए घोटाले उत्तर प्रदेश सरकार ने आज एक बड़ी कार्रवाई की है। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद की पूर्व जिला अधिकारी निधि केसरवानी को निलंबित कर दिया है। साथी इस मामले में जांच आख्या उपलब्ध होने के बावजूद अग्रिम कार्रवाई में विलंब करने पर नियुक्ति विभाग के अनुभाग अधिकारी समीक्षा अधिकारी को भी योगी सरकार ने निलंबित करने के आदेश दिया है। आपको बता दें कि इसकी जानकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने टि्वटर हैंडल से साझा की है।
भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति के अनुरूप #UPCM @myogiadityanath ने तत्कालीन जिलाधिकारी गाजियाबाद को निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही शुरू करने हेतु प्रकरण भारत सरकार को संदर्भित करने के आदेश दिए हैं।@UPGovt @spgoyal@navneetsehgal3 @sanjaychapps1 @74_alok pic.twitter.com/EL7riTdTPC
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) May 4, 2022
गौरतलब है कि निधि केसरवानी वर्तमान में केंद्र सरकार में डिप्टी सेक्रेटरी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर में तैनात है। निधि केसरवानी पर भूमि अधिग्रहण मामले में गड़बड़ी का आरोप है। निधि 2004 बैच की मणिपुर कैटर्स कि एक आईएएस अधिकारी हैं और वह 21 जुलाई 2016 को गाजियाबाद की डीएम बनी थी। अरे सरकार ने उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने के लिए भारत सरकार को पत्र लिखा है और साथ ही इस मामले में दोषियों के खिलाफ f.i.r. करने का भी आदेश जारी किया है।
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बता दे कि इस घोटाले में अधिकारीयों ने शुरुआत में अपने रिश्तेदारों को सस्ते में किसानों की जमीन को खरीद लिया और बाद में उसे मंहगें दामों में सरकार को कई गुना में दिखवा दी। इस मामले में गाजियाबाद के तत्कालीन जिलाधिकारी विमल कुमार शर्मा और निधि केसरवानी समेत कई अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी पाया गया था।