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राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार जिसे भारतीय खेलों का सर्वोच्च पुरस्कार माना जाता रहा हैं। इस पुरस्कार को अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न कहा जायेगा। इस पुरस्कार की शुरुआत 1991-92 में सरकार द्वारा की गयी थी।
जिस भी खिलाड़ी को ये पुरस्कार मिलता है। उसे पत्र व 25 लाख रुपय की राशि दी जाती है। आज तक ये अवार्ड 45 खिलाड़ी जीत चुके हैं। उनमें से कुछ खिलाडियों के नाम हैं – विश्वनाथन आनंद, सचिन तेंदुलकर , महेंद्र सिंह धोनी , रानी रामपाल , मीरा बाई चानू , पंकज आडवाणी ,आदि।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज नाम बदलने की घोषणा की गई। उन्होंने कहा कि, “उनके द्वारा ये घोषणा खेल प्रेमियों की भावनाओं और भारतीय टीम के ओलिंपिक में प्रदर्शन को देखते हुए की गई हैं।”
ध्यानचंद हॉकी जगत के सबसे जाने माने खिलाड़ी हैं । हिटलर तक उनके खेल का दीवाना था। उन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाता है। उनके टीम में रहते हुए भारत की हॉकी टीम ने 3 बार ओलंपिक में गोल्ड मैडल हासिल किया था।
अंजू बॉबी जॉर्ज भारतीय एथेलीट और इस पुरस्कार से सम्मानित , ने सरकार के इस फैसले की तारीफ की हैं। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को मिलने वाला पुरस्कार किसी दिग्गज खिलाड़ी के नाम पर ही होना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि हॉकी राष्ट्रिय खेल है और ध्यानचंद इस खेल के जादूगर। तो खेल रत्न का नाम उनके नाम पर रखना काफी ख़ुशी की बात है।
वही मुक्केबाज़ विजेंदर सिंह ने कहा कि ध्यानचंद सभी के नायक हैं। पर सरकार के केवल नाम बदलने से ही चीज़े नहीं बदलेगी। सरकार को चाहिए कि वो बुनियादी सुविधा मुहैया करवाए। साथ ही कहा कि जमीनी स्तर पर चीज़ो को बदलने की जरुरत हैं।
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा , “मेजर ध्यानचंद ने अपने ख़ास खेलने की तरीके से विश्व पटल पर भारत को पहचान दिलाई हैं। साथ ही वो लाखों खेलप्रेमियों के लिए प्रेरणा हैं।लोगों की भावनाओं को देखते हुए खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार करने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का हार्दिक धन्यवाद। ”
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