
राजस्थान सरकार ने बदले शिक्षा विभाग के नियम, विभाग में कार्यरत लाखों क्रमिकों को होगा फायदा
शिक्षा विभाग के नियमों में राजस्थान सरकार ने किया बदलाव। सालों पुराने नियम में किया बदलाव। विभाग में कार्यरत लाखों कार्मिकों को मिलेगा इसका फायदा।
जयपुर। प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए राजस्थान सरकार ने उठाया बड़ा कदम। प्रदेश में उच्च शिक्षा के स्तर को और बेहतर करने के लिए प्रदेश सरकार ने पुराने नियमों में कुछ बदलाव किये हैं। मुख्यम्नत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राजस्थान शैक्षिक राज्य और अधीनस्थ सेवा नियम 2021 को मंजूरी दे दी गयी है। जिसके तहत सालों से चलती आ रही शिक्षा विभाग के नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं। लम्बे समय से इंतजार में चल रहे शिक्षकों को प्रदेश सरकार के द्वारा किए गए नियमों के बदलावों के कारण बड़ी राहत मिली है। पिछले कई सालों से प्रक्रियाधीन शिक्षा सेवा नियमों को बुधवार को कैबिनेट की बैठक में स्वीकृत कर दिया गया है।
शिक्षा विभाग के नियमों में बदलाव के कारण क्या होंगे फायदे:
– प्रधानाध्यापक पद की योग्यता को अब स्नातक से अधिस्नातक किया गया।
– पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड प्रथम का पद एनकैडर किया गया।
– सेकेंडरी स्कूल में अब प्रधानाध्यापक की जगह होगा वाइस प्रिंसिपल।
– व्याख्याताओं और प्रधानाध्यापक का पदोन्नति अनुपात 80:20 होगा।
– संयुक्त निदेशक के पद पर पदोन्न्ति के लिए उपनिदेशक के एक साल के अनुभव के साथ कुल चार के साल अनुभव का प्रावधान. पहले जिला शिक्षा अधिकारी के पद का तीन साल का अनुभव आवश्यक था।
– व्याख्याताओं और प्रधानाध्यापक का पदोन्नति अनुपात 80:20 किया।
– सीनियर सेकेंडरी स्कूल में भी वाइस प्रिंसिपल का पद किया स्वीकृत।
– अतिरिक्त निदेशक के पद पद पदोन्नति के लिए संयुक्त निदेशक के एक साल के अनुभव के साथ कुल 4 साल के अनुभव का प्रावधान।
– जिस विषय से स्नातक की है उसी विषय से पीजी करने पर ही बन सकेंगे व्याख्याता अर्थात स्नातक बीएससी से करके पर इतिहास से पीजी करने पर व्याख्याता अब नहीं बन पाएंगे।
– प्रतियोगी परीक्षाओं से चयन के जिए न्यूनतम उत्तीर्णांक का प्रावधान।
कैबिनेट की बैठक में प्रदेश सरकार ने राजस्थान शिक्षा सेवा नियम 1970 और राजस्थान अधीनस्थ शिक्षा सेवा नियम 1971 में कुछ बदलाव करने के बाद राजस्थान शैक्षिक राज्य एवं अधीनस्थ सेवा नियम 2021 बनाए जाने का प्रस्ताव स्वीकृत किया है। राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ने मीडिया से वार्ता में बताया कि इस नए सेवा नियमों की वजह से शिक्षा विभाग में रुके हुए प्रोमोशंस को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसका फायदा विभाग में काम कर रहे चार लाख से अधिक कार्मिकों को मिलेगा। वहीं, शिक्षा विभाग को उच्च पदों पर अधिकारी उपलब्ध होंगे, जिससे स्कूल और कार्यालय के शैक्षिक, प्रशासनिक और निरीक्षण कार्य को गति मिलेगी और पुराने सेवा नियमों की विसंगति दूर होगी।
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