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राजस्थान: बागी नेत्री को जयपुर ग्रेटर नगर निगम का जिलाध्यक्ष बनाने पर बढ़ा विवाद

बागी नेत्री को बनाया जयपुर ग्रेटर नगर निगम का जिलाध्यक्ष। पार्टी में बढ़ा विवाद। विवाद बढ़ते ही नियुक्ति पर लगाई रोक। महिला कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने लगाया प्रदेश सचिव पर आरोप

जयपुर। महिला कांग्रेस ने जयपुर ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में पार्टी के बागी नेत्री भावना पटेल वासवानी को बनाया जिलाध्यक्ष। भावना अपने पार्टी से बागी करार कर निकाली जा चुकी है। बता दें की कल प्रदेश महिला कांग्रेस ने कार्यकारिणी में 13 नियुक्तियां की, जिनमें पाली और जयपुर ग्रेटर में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की गई। जयपुर ग्रेटर में भावना पटेल वासवानी को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया। मगर बाद में जब वासवानी के बागी चुनाव लड़ने की बात सामने आई तो देर रात इस नियुक्ति को भी रोक दिया गया।

वहीँ, जयपुर ग्रेटर जिलाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर पार्टी में विवाद शुरू हो गया है। प्रदेश की महिला कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष रेहाना रियाज ने सांगानेर से कांग्रेस उम्मीदवार और पार्टी के प्रदेश सचिव पुष्पेंद्र भारद्वाज की सिफारिश पर नियुक्ति की बात कही है। रेहाना ने भारद्वाज पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा की उन्होंने उन्होंने बागी लड़ने की बात छिपाई है। वहीँ, पुष्पेंद्र ने जनाधार वाली योग्य कार्यकर्ता का हवाला देकर खुद की सिफारिश को सही करार दिया है।

रियाज ने बताया की कई महीने से इस कार्य की प्रक्रिया चल रही थी। मैंने जयपुर ग्रेटर में पार्टी के विधायकों और विधायक उम्मीदवार रह चुके नेताओं से नाम मांगे थे। सांगानेर से हमारी पार्टी के उम्मीदवार रहे पुष्पेंद्र भारद्वाज ने भावना पटेल के नाम की सिफारिश की थी, मैंने उन पर विश्वास करके नाम आगे भेज दिया। बाद में पता लगा कि वे नगर निगम चुनाव में बागी लड़ने के बाद पार्टी से निष्कासित हैं। हमने भावना पटेल की नियुक्ति को स्टे कर दिया है। अपने पार्टी नेता पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं था लेकिन उन्होंने बागी लड़ने की बात छिपाई, यह दुखद है।

इस पूरे मामले पर कांग्रेस के सांगानेर प्रदेश सचिव पुष्पेंद्र भारद्वाज ने कहा की उन्होंने भावना की सिफारिश की थी क्यूंकि वह पार्षद टिकट की दावेदार थी, उन्होंने पार्षद का बागी चुनाव जरूर लड़ा था मगर फिर से पार्टी पर विश्वास जताते हुए काम करने की इच्छा जताई है। वासवानी योग्य कार्यकर्ता है, उनकी योग्यता देखकर ही सिफारिश की थी।

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