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Rajasthan: सीएम गहलोत की एक इच्छा ने अटका दिया मंत्रिमंडल पुर्नगठन
Rajasthan: राजस्थान सरकार में चल रहा विवाद अभी भी सुलझता नहीं दिखाई दे रहा है। सीएम अशोक गहलोत की एक इच्छा ने अब कैबिनेट पुर्नगठन की राह में रोड़ा अटका दिया है।
राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री गहलोत कैबिनेट पुर्नगठन नहीं चाहते हैं। सूत्रों के अनुसार वे सिर्फ मंत्रिमंडल का विस्तार करना चाहते हैं। वहीं पार्टी हाईकमान की इच्छा कुछ और है। वे खराब परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा फिर एक बार कैबिनेट पुनर्गठन के पक्ष में हैं।
अब इस विवाद को सुलझाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी शैलैजा को अपने विशेष दूत के रुप में जयपुर भेजा। रविवार शाम को कुमारी शैलेजा जयपुर पहुंची। सीएम अशोक गहलोत से एक गोपनीय मुलाकात के बाद सोमवार को दिल्ली लौट गई।
दरअसल कुमारी शैलैजा को भेजने के पीछे का कारण राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन और संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल को गहलोत को कैबिनेट पुनर्गठन के लिए मनाने में कामयाबी नहीं मिली।
पायलट कोटे का भी ध्यान
कुमारी शैलेजा सोनिया गाधी के बेहद नजदीकी हैं। वे सोनिया गांधी का विशेष संदेश लेकर आईं। कयास लगाए जा रहें हैं कि सोनिया गांधी चाहती हैं कि पांच अगस्त को उनके विदेश दौरे से पहले गहलोत कैबिनेट का पुनर्गठन कर दें।
पायलट कोटे से तय विधायको को मंत्री बना दें। परंतु कांग्रेस के सूत्रों का दावा है कि गहलोत ने शैलेजा से भी साफ कहा कि पुनर्गठन के बजाय वे कैबिनेट का विस्तार करना चाहते हैं यानी कैबिनेट में 9 सीटों पर नए मंत्री बनाना चाहते हैं, किसी को हटाना नहीं।
वो भी एक साथ नहीं दो टुकड़ों में यानी एक विस्तार अभी और एक बाद में करना चाह रहे हैं। वहीं इसके विपरीत पार्टी आलाकमान का संदेश था कि विस्तार नहीं पुर्नगठन हो वो भी जल्दी।
पायलट को भेजो राजस्थान से बाहर
वहीं एक बड़ी बात भी सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री गहलोत ने कुमारी शैलेजा के सामने विस्तार के लिए एक शर्त रखी कि सचिन पायलट को पहले राजस्थान से बाहर भेजा जाए और उन्हें किसी दूसरे राज्य की जिम्मेदारी दी जाए।
उनका सीधा दखल कहीं न हो। वहीं दूसरी तरफ खबर है कि सचिन पायलट ने पुनर्गठन जल्दी कराने के लिए कोशिशें तेज कर दी हैं।
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने कुमारी शैलजा से ये भी कहा कि पार्टी विधायकों में से किसी ने भी उनको लेकर नाराजगी नहीं जताई है। सिर्फ कुछ मंत्रियो की शिकायतें थीं।
वहीं उन्होंने कहा कि जब सरकार अच्छा काम कर रही है तो कैबिनेट का पुर्नगठन की जरूरत क्यों है। वहीं कुछ मंत्री जिनका नाम सामने आ रहा है उन्होंने अनौपचारिक तौर पर कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि किसी को नहीं हटाया जाएगा।
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