
युवा मतदाताओं से बदलेगी भारत की तस्वीरें
युवा जुनून से भरा हुआ शब्द ही नहीं बल्कि वह एहसास है जो किसी भी देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि देश युवाओं के सहारे आगे बढ़ते हैं युवाओं में आत्मविश्वास के सैलाब से देश उन्नति ओ तक पहुंच सकता है उसके लिए देश सालों से कोशिश कर रहा हूं, युवा कुछ कर गुजरने की इच्छा रखते हैं, कुछ बनने के कुछ हासिल करने के युवाओं के आंखों में अनेक सपने होते हैं, उनसे भी ज्यादा होता है देश प्रेम, युवा अपने देश के लिए हर वह मुमकिन प्रयास करते हैं जिससे उनके देश का नाम ऊंचा हो लोग उनसे उनके देश को जाने फिर चाहे वह किसी खेल का मैदान हो या फिर किसी बड़े वैज्ञानिकों की लैब।

भारत के युवाओं में इतना जोश है कि वह किसी भी चुनौतियों को हंसकर स्वीकारने की क्षमता रखते हैं चाहे वह कुर्बानी ही क्यों ना हो भारत के नौजवान युवा पीढ़ी अतीत का गौरव है और भविष्य का कौन है। अगर देश की तरक्की में युवाओं का योगदान देखा जाए तो युवाओं का हाथ सबसे बड़ा होता है फिर चाहे वह राजनीति हो या कोई और माध्यम यू कह सकते हैं कि युवा वर्ग देश के भाग्य विधाता होता है।
चुनावों में राजनीति दल अब युवाओं को मौका देते हैं राजनीतिक दलों युवाओं को किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहते हैं युवा मतदाताओं को लुभाने के लिए राजनीतिक दल हर संभव कोशिश में जुटे होते हैं क्योंकि भारत का लगभग 10 करोड़ युवा मतदाता है।
साथी युवा भी राजनीति में दिलचस्पी लेने लगे हैं एक वक्त था जब राजनीति में युवाओं का रुचि ज्यादा नहीं होती थी देश राजनेताओं से आगे बढ़ रहा है ऐसे में अगर युवा नेता देश की सेवा में लगते हैं तो युवाओं के आगे बढ़ने के साथ-साथ देश भी उतनी ही तेजी से आगे बढ़ता है देश को उतनी ही जल्दी से तरक्की मिलती है। राजनीति में युवा चुनाव पर अपनी पैनी नजर रखता है फिर चाहे वह सोशल मीडिया पर अपनी बात रखना किसी स्टेज पर अपनी बात रखना हो या फिर देश के आगे अपनी बात रखना युवा कभी पीछे नहीं रहता है।
अगर हाथ से कुछ वर्ष पहले चले तो अन्ना आंदोलन हजारों युवाओं के प्रयासों से भी संभव हो पाया है जनलोकपाल आंदोलन में जिस तरह युवाओं की भूमिका रही है उसे देखकर भारतीय विशेषज्ञों का मानना था कि भारत की कल्पना शुरू कर दी है क्योंकि व्यवस्था को उखाड़ने का काम बुजुर्ग हाथों में नहीं बल्कि युवा दिल से हो सकता है। अन्ना आंदोलन में युवाओं ने बढ़ चढ़कर अपना योगदान दिया भर चड़के अन्ना आंदोलन में युवाओं ने हिस्सा लेते हुए दम पर सार्थक रहा।
कुछ साल पहले चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक चुनाव में करीब 100000000 युवा पहली बार अपनी वोटिंग राइट का इस्तेमाल करने वाले थे इन युवाओं वोटरों में 18 से 19 साल वालों की संख्या 2 करोड़ 31 लाख थी जहां पहली बार वोट देने वालों कि संख्या 10 करोड़ के पार थी।
भारत में युवा मतदाताओं की बढ़ती संख्या और उन्हें अपनी और आकर्षित करती हुई राजनीतिक पार्टियां इस बात को दर्शाती हैं कि राजनीतिक दल ने युवाओं प्रत्याशियों को जो मौका दिया है उनका असर लोकसभा में देखने को अवश्य मिलेगा,लोकसभा में युवाओं की सोच चले वही कई प्रमुख दल अनेक सीटों पर 40 45 साल के युवाओं प्रत्याशियों को टिकट भी देते है। ऐसे में इस बात से नाकारा नहीं जाता सकता है की युवा भारत की तस्वीर बदल देंगे।