प्रधानमंत्री मोदी ने तेजस विमान में भरी उड़ान, HAL की फैसिलिटी का भी किया दौरा
नई दिल्ली: कर्नाटक के बेंगलुरु में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लड़ाकू विमान तेजस से उड़ान भरी। शनिवार (25 नवंबर) को वह बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमटेड (HAL) की फैसिलिटी पहुंचे थे। पीएमओ के अनुसार, उन्होंने तेजस की मैन्यूफैक्चिरिंग हब का निरीक्षण किया। उड़ान के बाद पीएम ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।
जानकारी के अनुसार, सरकार ने देश की रक्षा तैयारियों को बढ़ाने और स्वदेशीकरण के लिए जो बड़क कदम उठाए हैं, उनमें लड़ाकू विमान तेजस भी शामिल है। वायुसेना में पहला विमान 2016 में शामिल किया गया था। वर्तमान में IAF के दो स्क्वाड्रन, 45 स्क्वाड्रन और 18 स्क्वाड्रन LCA तेजस के साथ पूरी तरह से काम कर रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार ने 83 एलसीए एमके 1ए विमानों की डिलीवरी के लिए 36,468 करोड़ रुपये का ऑर्डर एचएएल को दिया है। डिलीवरी फरवरी, 2024 तक शुरू होने की उम्मीद है।
मैं आज तेजस में उड़ान भरते हुए अत्यंत गर्व के साथ कह सकता हूं कि हमारी मेहनत और लगन के कारण हम आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में विश्व में किसी से कम नहीं हैं। भारतीय वायुसेना, DRDO और HAL के साथ ही समस्त भारतवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। pic.twitter.com/xWJc2QVlWV
— Narendra Modi (@narendramodi) November 25, 2023
लड़ाके विमान तेजस के बारे में
दरअसल, तेजस एयरक्राफ्ट की सबसे अधिक स्पीड 1.6 मैक है। 2000 किमी की रेंज को कवर करने वाले तेजस का अधिकतम थ्रस्ट 9163 केजीएफ है। इसमें ग्लास कॉकपिट, हैलमेट माउंटेड डिस्प्ले, मल्टी मोड रडार, कम्पोजिट स्ट्रक्चर और फ्लाई बाई वायर डिजिटल सिस्टम जैसे आधुनिक फीचर हैं। इस जेट पर दो आर-73 एयर-टू-एयर मिसाइल, दो 1000 एलबीएस क्षमता के बम, एक लेजर डेजिग्नेशन पॉड और दो ड्रॉप टैंक्स हैं।
तेजस स्वदेशी चौथी पीढ़ी का टेललेस कंपाउंड डेल्टा विंग विमान है। यह फ्लाई बाय वायर फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम, इंटीग्रेटेड डिजिटल एवियोनिक्स, मल्टीमोड रडार से लैस लड़ाकू विमान है। तेजस चौथी पीढ़ी के सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों के समूह में सबसे हल्का और सबसे छोटा है। यह लगभग सभी मामलों में चीन और पाकिस्तान पाक द्वारा मिग-21 की नकल कर बनाए गए थंडरबर्ड से बेहतर है।