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कोरोना के बढ़ते मामलों पर प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ की बैठक

बैठक के जरिये उन्होंने आठों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को कोरोना वायरस के बदलते रूपों और उससे होने वाले खतरों को लेकर किया सचेत। कैबिनेट ने 23,000 करोड़ रुपये का एक नए पैकेज को दी मंजूरी।

नई दिल्ली। कोरोना के मामलों में होती बढ़ोत्तरी जो देखते हुए आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की। इस बैठक के जरिये उन्होंने आठों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को कोरोना वायरस के बदलते रूपों और उससे होने वाले खतरों को लेकर सचेत किया। इसके साथ ही तीसरी लहर से मुकाबले के लिए वैक्सीनेशन के काम में भी तेजी लाने का निर्देश दिया।

बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा जारी अभियान ‘सबको वैक्सीन-मुफ्त वैक्सीन’ अभियान से देश के पूर्वोत्तर राज्यों को ख़ासा मदद मिलेगी। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने सबको कोरोना वायरस के वैरिएंट्स पर नजर रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा की ‘हमें कोरोना वायरस के वैरिएंट्स पर नजर रखनी होगी। यह बीमारी म्यूटेट होने के बाद कितना जोखिम भरा हो सकता है इस बारे में विशेषज्ञों की राय और उनके अध्ययनों पर ध्यान देना होगा।’

इस बीमारी के लिए एहतियात और उपचार बहुत आवश्यक है। इस बीमारी के संक्रमण के कारण हमारे देश का पर्यटन, व्यापार-कारोबार बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है। इसके बावजूद मैं बहुत जोर देकर कहूंगा कि हिल स्टेशनों, बाजारों में बिना मास्क पहने भारी भीड़ का उमड़ना चिंताजनक है। इस बीमारी के प्रति यह लापरवाही ठीक नहीं है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर रोक लगाने के लिए हमें और सख्त कदम उठाने होंगे।’

‘इस कर्म में आगे बढ़ते हुए हमें माइक्रो कंटेनमेंट क्षेत्र पर पूरा फोकस करना होगा। पिछले डेढ़ साल के अनुभव का हमे अब पूरा इस्तेमाल करना होगा।’ कोरोना की तीसरी लहर के बढ़ते मामलों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर के आठ राज्य जैसे नगालैंड, असम, त्रिपुरा, मेघालय, सिक्किम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर इन सभी राज्यों के वर्त्तमान हालात का जायजा लिया।

प्रधानमंत्री ने अपने इस बैठक के बाद सभी मुख्यम्नत्रियों को कहा कि ‘हमें कोरोना के टेस्टिंग और ट्रीटमेंट से जुड़े हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करते हुए आगे चलना है। हाल ही में इसके लिए कैबिनेट ने 23,000 करोड़ रुपये का एक नए पैकेज को मंजूरी दी है। पूर्वोत्तर राज्यों में सरकार द्वारा उपलब्ध इस नए पैकेज से राज्यों को अपने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करने में मदद मिलेगी।’

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