
विधानसभा चुनावों की तैयारी जारी, बीजेपी ने चला OBC कार्ड का दांव
मंगलवार को लोकसभा में करने का लोकसभा में राज्यों में ओबीसी आरक्षण की सूची तैयार करने का अधिकार डी निवाला दिल पारीक दिया गया जिसके चलते केंद्र की obc वर्ग को फायदा देनी की पूरी कोशिश है।
नई दिल्ली : विधानसभा चुनाव 2022 के चलते सरकार अपना पूरा जोर लगाई हुई है इस बार जाति कार्ड के चलते अपनी सत्ता स्थापित करने पर सरकार में दांव चल रही है जिस पर इस बार सरकार ओबीसी कार्ड खेल रही है। जिसके चलते मंगलवार को लोकसभा में करने का लोकसभा में राज्यों में obc आरक्षण की सूची तैयार करने का अधिकार डी निवाला दिल पारीक दिया गया जिसके चलते केंद्र की ओबीसी वर्ग को फायदा देनी की पूरी कोशिश है।
इस बिल के पारित होने के बाद एक के बाद एक विपक्ष का सरकार पर पलटवार जारी है। जिसमें पूरा विपक्ष एक ओर चर्चा में शामिल हुआ तो वहीं दूसरी ओर सबने मिलकर सरकार पर निशाना साधा। इस बिल को लेकर एआईएमआईएम अध्यक्ष असुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार ये आरक्षण बिल शाहबानो की तर्ज पर लाई है। साथी ओवैसी ने सरकार से आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा को हटाने कि मांग की है।
साथ ही आपको बता दे कि ओवैसी के साथ बाकी विपक्षी दल भी सरकार पर हमलावर रहें। कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि केंद्र की गलती के कारण ही इस विधेयक को लाना पड़ा और वे इसे आने वाले चुनावों को ध्यान में रखकर लाई है। इन्होंने ने भी सरकार से 50 फीसदी की सीमा को हटाने पर विचार करने की बात कही ताकि मराठा समुदायों और दूसरे राज्यों को भी सफलता मिल सके।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सरकार से 50 फीसदी की सीमा को बढ़ाने की व जातिगत आंकड़ों को जारी करने की भी मांग की है और साथ ही सरकार पर ओबीसी वर्ग को गुमराह करने का आरोप लगाया है । विपक्ष के केंद्र पर वार- प्रतिवार के बीच बसपा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस को भाजपा पर चुनाव के चलते विधेयक लाने का आरोप नहीं लगाना चाहिए ऐसा था तो कांग्रेस क्यों नहीं लाई? साथ ही कहा कि कांग्रेस ने पिछड़ों से हमेशा वोट लेती रही है और उन्हें कभी कुछ नहीं दिया।
पूरे विपक्ष के बीच टीएमसी नेता सुदीप बंद उपाध्याय कहा केस विधेयक लेकर सरकार झूठ बोलती है। सरकार ने इसका उद्देश्य संघीय ढांचे को मजबूत बनाने को कहा जिस पर उन्होंने कहा कि आज देश का संघीय ढांचा पूरी तरह से खतरे में है हमें इसे बदलने की जरुरत है जिसके चलते असहमति की आवाज नहीं दवाई जानी चाहिए। और सरकार को इस ओबीसी कार्ड का क्या फायदा होगा या नहीं ये देखने वाली बात होगी।
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