
यूपी: योगी सरकार के दूसरे शपथ ग्रहण से पूर्व उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेता हृदय नारायण दीक्षित ने राजनीतिक संन्यास की घोषणा की है। बता दें कि हृदय नारायण दीक्षित विधानसभा के स्पीकर के रूप में सबसे लोकप्रिय रहे हैं। दीक्षित कि राजनीतिक संन्यास के बाद अब उनकी आवाज सदन में नहीं गूंजेगी। सती विधानसभा के विभिन्न सत्र ओके संचालन में उन्होंने अपनी व्रत भाषा के चलते सदन के सभी विधायको को प्रभावित किया था। कई बार तो होने विकट पर सचिवों में माहौल को हल्का बना देते थे 1950 से से लगातार यूपी विधानसभा के सदस्य निर्वाचित होते रहे और 2010 में वह विधान परिषद के सदस्य भी रहे।
दरअसल, ह्रदय नारायण दीक्षित भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे। इतना ही नहीं उन्होंने आपातकाल में भी कई आंदोलन में हिस्सा लिया और करीब डेढ़ साल तक मीसा के तहत अलग-अलग जेल में भी रहे। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी राजनीति हृदय नारायण दीक्षित एक बड़ा नाम है स्पीकर के रूप में जितने सहज भाव से सत्ताधारी दल के विधायक को से बात करते थे कहीं ज्यादा वह विपक्ष के विधायकों से भी और व्यवहार करते थे और यही कारण है कि सदन में सभी विधायक उनकी मीठी बोली के कायल थे।