PM मोदी के कैबिनेट विस्तार से मंत्रिमंडल में बढ़ी ‘नारी शक्ति’, यहां जाने नव चयनित महिला मंत्रियों के बारे में !
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपने मंत्रिपरिषद में विस्तार और फेरबदल किया। इस मंत्रिमंडल विस्तार में 15 कैबिनेट और 28 राज्य मंत्रियों के साथ कुल 43 मंत्रियों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। इस बार के मोदी मंत्रिमंडल की सबसे खास बात यह है कि जिन मंत्रियों ने पद की शपथ ली है उनमें सात और महिला मंत्रियों को जोड़ा गया है। इसके साथ ही नरेंद्र मोदी सरकार में महिला मंत्रियों की संख्या अब बढ़कर 11 हो गई है।
आपको बता दें कि, इस नए कैबिनेट मंत्री मंडल के विस्तार में कुल 15 कैबिनेट और 28 राज्य मंत्री बनाए गए हैं। जिसको मिलाकर मंत्रिपरिषद के कुल सदस्यों की संख्या 78 हो गई है। जिनमें महिला मंत्रियों में अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल, भारतीय जनता पार्टी की मीनाक्षी लेखी, शोभा कारंदलजे, दर्शना जरदोश, अन्नपूर्णा देवी, प्रतिमा भौमिक और भारती पवार का नाम शामिल है।
इन सभी महिला नेताओं में अनुप्रिया को छोड़कर सभी 6 नेता पहली बार केंद्रीय मंत्री बनी हैं। वहीं, इन 7 महिला नेताओं के अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और रेणुका सिंह का नाम पहले से ही मंत्रिमंडल में शामिल था।
जानें इन सभी महिला नेताओं से जुड़ी कुछ खास बातें:
शोभा करंदलाजे
मोदी कैबिनेट में शामिल हुई शोभा करंदलाजे का नाम बीजेपी के प्रमुख राजनेताओं में से एक में गिना जाता है। शोभा ने छोटी उम्र में ही आरएसएस ज्वाइन कर लिया था। उन्होंने अपने जीवन का एक लंबा समय आरएसएस को दिया। साथ ही शोभा ने कभी शादी ना करने का भी फैसला लिया।
शोभा ने वर्ष 1994 में शकुंतला शेट्टी के साथ अपना राजनीतिक करियर शुरू किया। शोभा ने उस समय प्रकाश में आईं, जब बीएसवाई ने उन्हें कर्नाटक राज्य में पहली भाजपा सरकार में मंत्री बना दिया। अब शोभा करंदलाजे को शोभाक्का कहा जाता है।
अनुप्रिया पटेल
सांसद अनुप्रिया पटेल का जन्म कानपुर में 28 अप्रैल 1981 को हुआ था। अनुप्रिया ने लेडी श्रीराम महिला महाविद्यालय से मनोविज्ञान व एमबीए की है। बाद में अनुप्रिया ने वर्तमान एमएलसी आशीष कुमार सिंह से विवाह कर लिया।
इन्हीं के प्रयासों के बाद मीरजापुर जनपद को मेडिकल कॉलेज की सौगात मिली। अनुप्रिया ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत वर्ष 2012 के चुनाव से वाराणसी के रोहनिया विधानसभा से किया। अनुप्रिया ने वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में पीस पार्टी आफ इंडिया और बुंदेलखंड कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा। जिसके बाद रोहनिया से वह विधानसभा सदस्य के रूप में चुनी गई थीं। इसके बाद उनका राजनैतिक सफर निरंतर आगे बढ़ता चला गया।
मीनाक्षी लेखी
मीनाक्षी लेखी का जन्म नई दिल्ली में 30 अप्रैल 1967 को हुआ था। मीनाक्षी ने दिल्ली के सेंट जेवियर्स स्कूल से पढ़ाई की है। बाद में लेखी ने हिंदू कॉलेज से बॉटनी में बीएससी करने के बाद डीयू के लॉ सेंटर से एलएलबी किया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के वकील रहे अमन लेखी से विवाह किया। 1990 में लेखी ने बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में रजिस्ट्रेशन के साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रेक्टिस शुरू की।
2019 में कांग्रेस के ‘चौकीदार चोर है’ अभियान को झटका देने में मीनाक्षी लेखी की अहम भूमिका रही। वर्ष 2010 में मीनाक्षी ने भाजपा ज्वाइन किया। 2013 में उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बना दिया गया। फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में उनका सामना नई दिल्ली लोकसभा सीट पर दो बार के मंत्री और कांग्रेस नेता अजय माकन से हुआ। जिसमें उन्होंने अपनी मजबूती साबित की। वहीं, 2017 में लेखी को बेस्ट डेब्यू वूमेन पार्लियामेंटेरियन के रूप में पार्लियामेंट लोकमत अवार्ड से सम्मानित किया गया।
दर्शना विक्रम जरदोश
दर्शना का जन्म गुजरात के सूरत में 21 जनवरी 1961 में हुआ था। दर्शना विक्रम जर्दोश वर्ष 1988 से राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं। उन्होंने वर्ष 1988 से वर्ष 2009 तक भाजपा के विभिन्न पदों पर कार्य किया है। वर्ष 2009 में उन्होंने कांग्रेस के गजेरा धीरूभाई हरिभाई को एक लाख मतों के अंतर से हराकर सूरत से 15वीं लोकसभा का पद हासिल किया।
जिसके बाद उन्हें वर्ष 2014 में सूरत से 5,33,190 मतों के ऐतिहासिक अंतर के साथ फिर से चुना गया। श्रीमती इंदिरा गांधी के बाद भारतीय चुनावी इतिहास में पहली बार किसी महिला सांसद द्वारा 76 परसेंट वोट शेयर हासिल किया और 2014 के चुनावों में चौथी सबसे बड़ी बढ़त हासिल की।
अन्नपूर्णा देवी
मात्र 30 वर्ष की आयु में अन्नपूर्णा देवी बिहार की मंत्री बनीं। सांसद अन्नपूर्णा का विवाह रमेश प्रसाद यादव से हुआ था। रमेश प्रसाद यादव वर्ष 1958 में अविभाजित बिहार के मंत्री रह चुके हैं। लेकिन पति के निधन के बाद वर्ष 1999 में अन्नपूर्णा देवी ने विधानसभा का उपचुनाव लड़ा और पहली बार विधायक बनीं। झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद अन्नपूर्णा देवी ने वर्ष 2005 और वर्ष 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की।
वर्ष 2013 में उन्हें हेमंत सरकार के मंत्रालय में बतौर संसाधन मंत्री अपना कार्यभार संभाला। सांसद अन्नपूर्णा देवी ने वर्ष 2019 में आरजेडी छोड़ बीजेपी का दामन थामा था और इस आम चुनाव में झारखंड विकास मोर्चा के प्रत्याशी नेता बाबूलाल मरांडी को करीब साढ़ 4.5 लाख वोट से हराकर सांसद बनी। अन्नपूर्णा देवी का बतौर सांसद यह पहला कार्यकाल है।
प्रतिमा भौमिक
52 साल की प्रतिमा भौमिक का लोकप्रिय नाम ‘प्रतिमा दी’ है। भौमिक एक किसान परिवार से आती हैं। उन्होंने खुद सालों तक खेती की। उनके पिता स्कूल टीचर थे। भौमिक त्रिपुरा विमेंस कॉलेज से साइंस में ग्रेजुएट हैं। भौमिक पूर्वोत्तर से केंद्रीय मंत्री बनने वाली दूसरी महिला हैं।
भौमिक पहली बार सांसद बनी हैं और वह पिछले लोकसभा चुनावों में पश्चिम त्रिुपरा लोकसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुई थीं। इससे पहले वह भारतीय जनता पार्टी की त्रिपुरा इकाई की महासचिव थीं।
डॉ भारती पवार
डॉ भारती पवार का जन्म 13 सितंबर 1978 को हुआ था। 2002 में डॉ. भारती पवार ने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। डॉ भारती पवार पूर्व विधायक एटी पवार की दूसरी बहू हैं। भारती ने नासिक जिला परिषद सदस्य के रूप में देवला समूह से राजनीति में प्रवेश किया। नागरिक संघर्ष और राकांपा के साथ माध्यमिक व्यवहार किए जाने के कारण डॉ. भारती पवार बीजेपी में शामिल हो गईं। डॉ भारती पवार को 2019 में डिंडोरी निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा से सांसद के रूप में नियुक्त किया गया था।
ये भी देखें: बाबुल सुप्रियो ने फेसबुक पर बयां किया अपना दर्द, कहा- खुद के लिए दुखी हूं