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बिहार में कांग्रेस के वर्चस्व को जिंदा रखने के लिए राहुल गांधी ने बनाई ये रणनीति

राहुल गांधी ने दिल्ली में बुलाई थी बैठक

बिहार में कांग्रेस पार्टी के वर्चस्व को वापस से जिंदा रखने के लिए बुधवार को राहुल गांधी ने दिल्ली में बैठक बुलाई थी। इस दौरान बिहार कांग्रेस के करीब 30 से अधिक नेता बैठक में शामिल हुए थे।

मिली जानकारी के अनुसार राहुल गांधी ने बिहार कांग्रेस के नेताओं से मिलते ही सबसे पहला सवाल पुछा कि आखिरकार बिहार में पार्टी इतनी कमजोर क्यों है ? इस बात का जबाव जानने के लिए राहुल गांधी ने एक-एक करके तमाम नेताओं से काफी देर तक सलाह मशवरा किया।

इस बैठक की खास विशेषता यह रही कि राहुल गांधी ने ये आश्वासन दिया कि अब से हर 3 महीने में पार्टी नेताओं से वे मुलाकात करेंगे और बिहार कांग्रेस पार्टी और उनके बीच जो संवादहीनता है, उससे भी समाप्त करेंगे।

तो वहीं इस दौरान पार्टी नेताओं ने राहुल गांधी को बिहार की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों से अवगत कराते हुए जाति, धर्म, सोशल इंजीनियरिंग समेत तमाम चीजों के बारे में जानकारी दी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी को कहा कि जिस तरीके से मौजूदा परिस्थिति में बीजेपी का ग्राफ गिरा है वैसे में कांग्रेस को अगले 8 से 10 महीने में बिहार में मजबूत स्थिति में लाया जा सकता है। साथ ही नेताओं ने संवादहीनता की खास तौर पर चर्चा की और कहा कि इस कारण भी प्रदेश में पार्टी की हालत अच्छी नहीं है।

इस पर राहुल गांधी ने जबाव देते हुए कहा कि हमे सबसे पहले समाज के सभी वर्ग के लोगों को एकजुट कर पार्टी से जोड़ने होगा। इसके लिए विस्तृत रणनीति बनाकर पार्टी के सभी नेता गांव और पंचायतों का दौरा करेंगे। इसके अलावा राहुल गांधी ने अपने विधायकों से बिहार में कांग्रेस विधायकों की टूट की खबर को लेकर सीधा सवाल किया।

विधायकों ने उन्हें भरोसा दिलाया कि सभी एकजुट हैं और किसी भी हालत में विधायकों में टूट नहीं होने पाएगी। विधायकों से बातचीत करते हुए राहुल गांधी ने कहा,’ उन्हें विश्वास है कि पार्टी में एकजुटता है और विधायक भी किसी भी हालत में पार्टी छोड़कर दूसरे दलों में शामिल नहीं होंगे।

आपको बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ हुई बैठक में बिहार प्रदेश कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास, मीरा कुमार, शकील अहमद, प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, विधायक दल के नेता अजीत शर्मा और सभी कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा शामिल रहे।

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