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जी-20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने किया सम्बोधन, कहा – ”2030 तक हमारी आधी बिजली अक्षय स्रोतों से होगी पैदा”

इंटरनेशनल डेस्क :  इंडोनेशिया में जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने पीएम मोदी बाली पहुंचे। जहां भारतीय प्रधानमंत्री शिखर सम्मेलन के तहत होने वाली बैठकों में हिस्सा लेंगे।

इस सम्मेलन में शामिल हो रहे कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष खाद्य, सुरक्षा, ऊर्जा, यूक्रेन संकट जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे। जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान बैंक इंडोनेशिया, बैंक नेगारा मलेशिया, बैंगको सेंट्रल एनजी फिलिपींस, सिंगापुर का मौद्रिक प्राधिकरण और बैंक ऑफ थाईलैंड ने सीमा पार भुगतान पर सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

वहीं सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि, वैश्विक विकास के लिए भारत की ऊर्जा सुरक्षा आवश्यक है। क्योंकि, भारत दुनिया की सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है। हमें ऊर्जा की आपूर्ति पर किसी भी प्रतिबंध को बढ़ावा नहीं देना चाहिए और ऊर्जा बाजार में स्थिरता सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, 2030 तक हमारी आधी बिजली अक्षय स्रोतों से पैदा होगी।

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पीएम ने कहा कि, भारत में स्थायी खाद्य सुरक्षा के लिए हम प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं, और बाजरा जैसे पौष्टिक और पारंपरिक खाद्यान्नों को फिर से लोकप्रिय बना रहे हैं। बाजरा वैश्विक कुपोषण और भूख को भी दूर कर सकता है। पीएम ने कहा कि, आज की खाद की कमी कल का खाद्य संकट है, जिसका समाधान दुनिया के पास नहीं होगा। हमें खाद और खाद्यान्न दोनों की आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर और सुनिश्चित बनाए रखने के लिए आपसी समझौता करना चाहिए।

इसके अलावा पीएम ने कहा, मैंने हमेशा कहा है कि, हमें यूक्रेन में युद्धविराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का रास्ता खोजना होगा। पिछली सदी में द्वितीय विश्व युद्ध ने दुनिया में कहर बरपाया था जिसके बाद उस समय के नेताओं ने शांति का रास्ता अपनाने का गंभीर प्रयास किया। अब हमारी बारी है।

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