पेगासस जासूसी कांड : राष्ट्रीय सुरक्षा के चलते नहीं होगी सार्वजनिक बहस
पेगासस जासूसी कांड पर कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने सरकार को कोर्ट में इस प्रकार की दलील पेश करने पर कहा कि उसने सोचा था कि सरकार एक विस्तृत हलफनामा पेश करेगी लेकिन सरकार द्वारा सिर्फ सीमित हलफनामा दाखिल किया गया है।
नई दिल्ली : पेगासस जासूसी कांड में विपक्ष की इतने लंबे समय से चल रही जांच कराने की मांग की गई । जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी लगाई गई जिस पर कार्रवाई चल रही है। इस कार्रवाई के तहत विपक्ष की बहस की मांग पर केंद्र ने कोर्ट से राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए कहा कि इस विषय पर सार्वजनिक बहस नहीं हो सकती। जिस पर कोर्ट ने सरकार से कहा है कि उन्हें इस प्रकार की किसी भी जानकारी को सार्वजनिक करने की जरुरत नहीं है। और इस कार्रवाई को 10 दिन की लिए स्थगित कर दिया गया है।
पेगासस जासूसी कांड पर कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने सरकार को कोर्ट में इस प्रकार की दलील पेश करने पर कहा कि उसने सोचा था कि सरकार एक विस्तृत हलफनामा पेश करेगी लेकिन सरकार द्वारा सिर्फ सीमित हलफनामा दाखिल किया गया है। जिस पर सरकार का पक्ष रखते हुए तूषार मेहता ने कहा है कि सरकार सारी जानकारी पिछले हलफनामा में दे चुकी है।
इस पर एक बार फिर सरकार को घेरते हुए कोर्ट की पीठ ने कहा कि सरकार ने अपने हलफनामें में जांच के लिए समिति गठन करने की बात की थी। जो जांच कर कोर्ट को रिपोर्ट सौंपेगी। दूसरी तरफ इस पर सरकार ने कहा कि छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। और इस पूरे मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ दिया।
साथ ही इस पर भी तूषार मेहता ने कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है जिसमें सरकार इस्तेमाल किए जा रहे तंत्र के बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं कर सकती क्योंकि यह देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है। उसके लिए सतर्कता जरुरी है।
अपनी दलील पेश करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि सरकार कुछ नहीं बताएगी पर सार्वजनिक तौर पर नहीं । जिस पर कपिल सिब्बल ने भी हामी भरते हुए कहा कि हम भी नहीं चाहते कि सरकार ऐसी किसी भी जानकारी को सार्वजनिक करें । पर 10 दिन बाद कार्रवाई को लेकर भी सरकार को नोटिस जारी किया गया।
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