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डेटा सुरक्षा व निजता के मुद्दे पर थरूर की अध्यक्षता में संसदीय समिति करेगी बैठक

नई दिल्ली: नागरिकों के डेटा सुरक्षा व निजता के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी 28 जुलाई को बैठक करेगी। पार्टी की है बैठक कांग्रेस नेता शशि थरूर की अगुवाई वाली संसदीय समिति करेगी। इस बैठक में पार्टी नागरिकों की डेटा सुरक्षा बल व निजता के मुद्दे पर चर्चा करेगी।

इसी क्रम में आगे बढ़ाते हुए शिवसेना के नेता संजय राउत ने पेगासस प्रकरण का मुद्दा उठाते हुए कहा, ‘विपक्ष की ओर से संयुक्त संसदीय समिति और सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप की मांग की गई है। यदि रवि शंकर प्रसाद विपक्ष में होते तो वो भी यहीं मांग करते। सच्चाई को सामने आने दें। यदि ऐसा नहीं है तो आप क्यों डर रहे हैं।’

मंगलवार को पेगासस प्रकरण पर कांग्रेस सांसद ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए ट्वीट किया था। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि यह साबित हो गया है कि भारत में फोन की जांच की गई जिसमें पेगासस का अटैक हुआ था क्योंकि यह उत्पाद केवल सरकार को बेचा जाता है, सवाल उठता है कि कौन सी सरकार? यदि भारत सरकार कहता है कि उन्होंने ऐसा नहीं किया, किसी और सरकार ने किया, तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता का विषय है।

उन्होंने अपने ट्वीट में आगे कहा कि, “यदि यह पता चलता है कि यह हमारी सरकार है और यह (ऐसा करने के लिए) अधिकृत है, तो भारत सरकार को स्पष्टीकरण देने की आवश्यकता है क्योंकि कानून केवल राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद के मुद्दों के लिए कम्युनिकेशन के जरिेए रोक की अनुमति देता है। यह अवैध है।”

गौरतलब है कि पेगासस जासूसी प्रकरण के मामले को लेकर संसद के पहले दिन से ही विपक्ष ने हंगामा खड़ा किया हुआ है। आपको बता दें कि हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने अपने एक एक रिपोर्ट के द्वारा बताया गया की देश में 300 से अधिक लोगों का फोन टैप हुआ है। जिसमें दो केंद्रीय मंत्री 40 से अधिक पत्रकार विपक्ष के नेता के साथ उद्योगपति शामिल थे।

उल्लेखनीय है कि पेगासस जासूसी प्रकरण को लेकर संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हंगामे के साथ हुई है। दरअसल अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंसोर्टियम की रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में 300 से अधिक लोगों के फोन टैप कराए गए।

इसमें दो केंद्रीय मंत्री, विपक्ष के तीन नेता, 40 से अधिक पत्रकार, एक मौजूदा जज, सोशल वर्कर और कई उद्योगपति शामिल हैं। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी बताया गया है है कि देश में वर्ष 2018 और 2019 के बीच फोन टैप कराए गए थे।

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