
संसद मानसून सत्र : पेगासस पर शुरू हुआ हंगामा थमने का नही ले रहा नाम, सरकार से अड़ा विपक्ष
मानसून सत्र के आखिरी हफ्ते में भी विपक्ष पेगासस पर बहस की मांग का अपना रुख नहीं बदलेगा और दोनों सदनों में कई अहम विधेयकों को बिना चर्चा आनन-फानन में पारित कराए जाने को भी मुद्दा बनाएगा।
नई दिल्ली : यह हफ्ता मानसून सत्र का आखिरी हफ्ता होगा। ऐसे में विपक्ष ने इस आखिरी हफ्ते में भी पेगासस जासूसी कांड पर बहस की मांग पर अड़े रहना तय किया है। इसके साथ ही दोनों सदनों में कई अहम विधेयकों को बिना चर्चा जल्दी-जल्दी में पारित कराए जाने को भी मुद्दा बनाएगी। सूत्रों से मिले खबर के अनुसार विपक्षी दल अपनी आवाज की हो रही अनदेखी के साथ सभी विधेयकों को पारित कराने के सवाल को राष्ट्रपति के पास ले जाने पर विचार कर रहे हैं।
ऐसे में आज विपक्षी नेताओं ने संसद में पेगासस पर अपनी बात रख पाने में नाकाम होने पर एक संयुक्त वीडियो पेस किया। उस वीडियो से यह बात साफ़ हो गई है की बीते 14 दिनों से पेगासस कांड पर दोनों सदनों में जारी गतिरोध अगले हफ्ते भी थमने वाला नहीं है। इस बात से तो हम सभी वाकिफ हैं की विपक्षी दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही पेगासस जासूसी कांड के मुद्दे पर अड़ी हुई है। वहीँ सत्र जबसे शुरू हुआ है तबसे ही विपक्षी दलों द्वारा हो रहे हंगामे के के वजह से संसद की कार्यवाही हर बार अधूरी ही रह जाती है।
इस पूरे मामले पर कांग्रेस ने आगे की रणनीति को लेकर मीडिया से वार्ता में कहा कि पेगासस और किसानों के मुद्दे पर विपक्षी नेताओं का मानना है कि असल में सरकार गतिरोध को तोड़ना ही नहीं चाहती। वह पेगासस मुद्दे पर बहस के लिए तैयार नहीं है। इसीलिए संसदीय परंपरा की गंभीर अनदेखी कर हंगामे और अव्यवस्था के बीच औसतन पांच मिनट में विधेयक पारित करा रही है। ऐसे में संवैधानिक मर्यादा पर हो रहे प्रहार का मसला राष्ट्रपति के समक्ष उठाया जाए, इसको लेकर सभी विपक्षी दल सहमत हैं।
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इस बारे में मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस देश के लोकतंत्र में विपक्ष की आवाज की बहुत अहमियत होती है। हमारे पूरे इतिहास में अनेकों बार इस तरह के गतिरोध का हल निकालने के लिए सभी सरकारों ने मिलकर पहल की है। लेकिन सत्ता में बैठी मोदी सरकार पेगासस के मुद्दे पर बहस जैसे साधारण मांग को भी नहीं मान रही है। साथ ही इसका फायदा उठाकर सभी विधेयकों को जल्दी-जल्दी पारित करवा रही है।
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