परगट सिंह ने रावत पर साधा निशाना, कहा- हरीश रावत को इतना बड़ा फैसला लेने का अधिकार किसने दिया
परगट सिंह ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि खरीदी पैनल ने साफ कहा था कि पंजाब में 2022 का विधानसभा चुनाव सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। अब ऐसे में हमें हरीश रावत बताएं कि यह फैसला कब हुआ।
नई दिल्ली : पंजाब में कांग्रेस पार्टी के अंदर चल रही सियासी उठापटक थमने का नाम नहीं ले रहा है। जैसे विधानसभा चुनाव पास आ रहा है वैसे-वैसे पंजाब में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच पैदा हुए मनमुटाव ने अभी खत्म होने का नाम नहीं लिया था की तब तक यह मामला बढ़कर हरीश रावत तक पहुंच गया है।
दरअसल गुरुवार को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने एक कार्यक्रम में कहा था कि अगर उनको फैसला लेने के लिए खुली छूट नहीं मिलेगी तो वह ईट से ईट बजा देंगे। सिद्धू के इस बयान में से कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ बगावत की बू आ रही थी। सिद्धू के इस बयान के बाद अब परगट सिंह ने उनका पक्ष लेते हुए कहा कि सिद्धू का यह बयान पार्टी हाईकमान के खिलाफ नहीं बल्कि हरीश रावत के खिलाफ था।
परगट सिंह ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि खरीदी पैनल ने साफ कहा था कि पंजाब में 2022 का विधानसभा चुनाव सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। अब ऐसे में हमें हरीश रावत बताएं कि यह फैसला कब हुआ। जब पैनल ने पहले ही यह फैसला कर लिया है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में हमारी पार्टी चुनाव लड़ेगी, तो फिर कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व का फैसला कब हुआ।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए परगट सिंह ने कहा कि आज से 3 महीने पहले जब सारे विधायक पार्टी हाईकमान की ओर से दिल्ली में गठित 3 मेंबर कमेटी से मिले थे तब तय हुआ था कि आगामी 2022 में होने वाले पंजाब विधानसभा के लिए चुनाव सोनिया गांधी और राहुल गांधी की अगुवाई में लड़ा जाएगा अब अगर हरीश रावत कह रहे हैं कि 2022 के चुनाव सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में होगा तो यह भी उन्हें बताना चाहिए कि यह फैसला कब हुआ। साथ ही हरीश रावत को इतना बड़ा फैसला लेने का अधिकार किसने दिया।
आपको बता दें कि हरीश रावत जल्द ही पंजाब आने वाले हैं ऐसे में परगट सिंह द्वारा आया यह बयान रावत के इस दौरे पर खासा असर डाल सकता है। वही हरीश रावत लगातार पंजाब मैं मिले अपने पद को छोड़ने की बात कह रहे हैं। ऐसे में सियासी बुद्धिजीवियों का मानना है कि रावत अगले साल की शुरुआत में उत्तराखंड में होने वाले चुनाव में सीएम बनने के प्रबल दावेदार हो सकते हैं।
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