‘देश के मेंटर’ फोन कॉल की निगरानी करें माता-पिता – एनसीपीसीआर
बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने ‘देश के मेंटर’ कार्यक्रम को लेकर नोटिस जारी कर निलंबन की मांग की है। जिसके बाद दिल्ली सरकार ने सलाह दी है कि माता-पिता को सभी उन सभी कॉलों की निगरानी करनी चाहिए जिन पर बच्चे ‘देश के मेंटर’ कार्यक्रम के माध्यम से बात करते हैं।
NCPCR ने दिल्ली सरकार को एक नोटिस जारी किया और उनसे कार्यक्रम को तब तक के लिए स्थगित करने को कहा जब तक कि बच्चों की सुरक्षा से संबंधित सभी खामियों को दूर नहीं कर लिया जाता। NCPCR के अनुसार इन फोन कॉल्स पर बच्चों को उनके मेंटर के रूप में नामित लोगों द्वारा दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ सकता है। एनसीपीसीआर ने मेंटरों के पुलिस वेरिफिकेशन की कमी पर भी चिंता जताई और ‘साइकोमेट्रिक टेस्ट’ पर सवाल उठाया। जो आवेदकों को सलाहकार के रूप में नामांकित होने से पहले लेना चाहिए।
एनसीपीसीआर द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है, ‘देश के मेंटर’ कार्यक्रम के तहत नामांकित बच्चों के लिए परामर्श के मौजूदा कार्यक्रम को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए, ऐसे सदस्यों के माता-पिता को सलाह दी जाती है कि ‘देश के मेंटर’ कार्यक्रम के तहत ऐप के माध्यम से मेंटर्स और अपने बच्चों की बातचीत के दौरान किसी बड़े की उपस्थिति सुनिश्चित करें।
क्या है ‘देश के मेंटर’ कार्यक्रम?
2021 में शुरू हुए ‘देश के मेंटर’ कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को स्वैच्छिक मेंटर देना है। ऐप पर सरकार बच्चों को 18 से 35 साल की उम्र के मेंटर देती है। इसे दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी ने बनाया है।
मेंटरशिप में कम से कम दो महीने के लिए नियमित फोन कॉल शामिल हैं। कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को उनकी उच्च शिक्षा और करियर विकल्पों, प्रवेश की तैयारी को लेकर मार्गदर्शन करना है। हाल ही में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने खुलासा किया कि अब तक 44,000 लोगों ने मेंटर के रूप में साइन अप किया है, जिनमें से 500 IIT स्नातक हैं, 500 IIM स्नातक हैं, और 15,600 अध्ययन कर रहे हैं