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राज्यसभा में विपक्षी सांसदों को किया गया निलंबित, गतिरोध के लिए सरकार को ठहराया जिम्मेदार

संयुक्त बयान में सरकार पर विपक्षी दलों को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एकजुट विपक्ष को बदनाम करने के लिए सरकार दुष्प्रचार अभियान चलाते हुए संसद के गतिरोध के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहरा रही है।

नई दिल्ली : बीते 19 जुलाई से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र ने पेगासस जासूसी कांड एक आक्रामक मोड़ लेता नज़र आ रहा है। मानसून सत्र के शुरुवाती दिनों से ही विपक्ष ने पेगासस जासूसी कांड को लेकर सरकार पर लगातार हमलावर हुए हैं। ऐसे में विपक्षी दलों की एकजुटता ने संसद में छिड़े सियासी संग्राम की आक्रामकता बढ़ा दी है।

इसी कर्म में आगे बढ़ते हुए विपक्षी दलों के सांसदों ने सरकार के द्वारा बहस की मांग ठुकरा लगातार दोनों सदनों में बिल पारित कराने के रुख का विरोध किया और दोनों ही सदनों में जमकर हंगामा और नारेबाजी की। वहीँ, इन सब के बीच छह विपक्षी सांसदों को राज्यसभा में निलंबित भी किया गया है। सभापति वेंकैया नायडू ने वेल में पोस्टर के साथ हल्ला-गुल्ला करने वाले टीएमसी के आधा दर्जन सांसदों को दिन भर की कार्यवाही से निलंबित कर दिया।

विपक्ष ने सरकार को ठहराया जिम्मेदार

विपक्षी दलों ने संयुक्त बयान में सरकार के अहंकार को संसद में मौजूदा गतिरोध के लिए जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही सरकार से संसद में पेगासस और कृषि कानूनों पर बहस की मांग स्वीकार करने का आग्रह किया है।

अब तक आठ विधेयक पारित

पेगासस पर जारी हंगामे के बीच सरकार ने दोनों सदनों में पिछले दिनों सात से आठ विधेयक पारित करा चुकी है।

गौरतलब है कि राज्यसभा में बुधवार को पेगासस मामले पर विपक्षी सदस्य वेल में जाकर नारेबाजी कर रहे विपक्ष के सदस्यों को सभापति ने आसन के सामने तख्तियां और पोस्टर लिए अपनी सीट पर जाने का निर्देश दिया, लेकिन विपक्षी सदस्यों ने सभापति के इस आदेश को नहीं माना। तब सभापति नायडू ने पहले चेतावनी देने के बाद नियम 255 के तहत तृणमूल कांग्रेस के छह सांसदों डोला सेन, अर्पिता घोष, नदीम उल हक, अबीर रंजन विश्वास, शांति छेत्री और मौसम नूर को सदन की बाकी बची कार्यवाही से निलंबित कर दिया।

विपक्ष ने जारी किया संयुक्त बयान

विपक्षी दलों ने संसद के भीतर अपना एतराज जाहिर करने के बाद एक संयुक्त बयान जारी कर सरकार पर हमला बोला। राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, लोकसभा में द्रमुक के नेता टीआर बालू, कांग्रेस के आनंद शर्मा, सपा के रामगोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और कल्याण बनर्जी, माकपा के विनय विस्वम, राजद के मनोज झा समेत 18 विपक्षी नेताओं की ओर संयुक्त बयान जारी किया गया।

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