जांच ना पूरी होने तक विपक्ष ने अरविंद केजरीवाल से की इस्तीफा देने की मांग
नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में दिल्ली सरकार ने बसों की खरीद मामले में CBI जांच से केंद्र सरकार द्वारा परेशान करने का आरोप लगाया है। दिल्ली सरकार की तरफ से बयान जारी कर कहा कि, इस मामले में लगे सारे आरोप निराधार हैं। दिल्ली सरकार ने बृहस्पतिवार को अपने बयान में कहा कि, उन्हें केंद्र सरकार द्वारा CBI का सहारा लेकर परेशान किया जा रहा है।
बीजेपी विधायकों के लगाए गए आरोपों में जरा सी भी सच्चाई नहीं है। उपराज्यपाल ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी का बनाई थी, जिसने उनकी सरकार को क्लीन चिट भी दे दी है। अब सीबीआइ को जांच सौपना राजनीति साजिश से प्रेरित है। दिल्ली के लोगों को भाजपा नई बसे से नहीं देना चाहती है।
केंद्र सरकार पहले भी सीबीआइ का सहारा लेकर उन्हें परेशान करने की कोशिश कर चुकी है, लेकिन सफल नहीं रही। दिल्ली सरकार सिर्फ अच्छे प्रशासन में विश्वास है और अच्छे प्रशासन के वादों को पूरा करने को वह वचनबद्ध है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने बस खरीद प्रकरण में कथित आरोपों को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहा कि गृह मंत्रालय के सीबीआइ जांच के आदेश देने से यह साफ हो गया है कि आप सरकार भी भ्रष्टाचार में लिप्त है। उन्होंने मुख्यमंत्री केजरीवाल को जांच पूरी होने तक अपने पद से इस्तीफा देने की मांग की।
अनिल चौधरी ने ट्वीट के माध्यम से कहा कि 12 जुलाई को कांग्रेस ने मीडिया से बात कर डीटीसी बस खरीद घोटाले में हुए भ्रष्टाचार से लिप्त होने की बात कही थी। और केंद्र सरकार से इस मामले को संज्ञान में लेने की मांग की थी। जिसके बाद केंद्रीय सतर्कता आयोग में 13 जुलाई को और सीबीआइ में 14 जुलाई को भ्रष्टाचार की जांच के लिए कांग्रेस ने शिकायत दर्ज कराई थी।
अनिल चौधरी ने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त शासन के नारे के साथ केजरीवाल सरकार सत्ता में आई थी। लेकिन उनका मंत्रिमंडल तथा आधे से ज्यादा विधायक भ्रष्टाचार समेत दूसरे मामलों में आरोपित सिद्ध हुए हैं। अनिल चौधरी ने कहा कि आम आदमी पार्टी जब से दिल्ली में आई है, डीटीसी की सेवाएं ध्वस्त हो गई है।