अब लद्दाख में भी बनेगा केंद्रीय विश्वविद्यालय, राज्यसभा ने भी विधेयक को दी मंजूरी
लद्दाख में किसी केंद्रीय विश्वविद्यालय न होने के कारण सरकार ने इस विधेयक को मंजूरी दिलवाई है। इसका मकसद उच्च शिक्षा तक छात्रों की पहुंच सुनिश्चित करना है।
नई दिल्ली : सोमवार यानी कल संसद में केंद्र सरकार ने केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021 को पारित करवा दिया है। इस संसोधित विधेयक के अनुसार अब लद्दाख में भी केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रावधान है। ख़ास बात यह है की कांग्रेस, द्रमुक समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने भी बहिर्गमन किए जाने के बीच राज्यसभा ने ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी। हालाँकि, लोकसभा ने इस विधेयक को पहले ही मंजूरी दे दी थी।
शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने मीडिया से वार्ता में विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने शुरू से ही लेह लद्दाख को प्राथमिकता दी है। यहाँ पर हमारी सरकार गुणवत्तापूर्ण संस्थान स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस विधेयक को पारित करने के पीछे मुख्य कारण क्या है पूछने पर उन्होंने बताया की इस समय लद्दाख में कोई केंद्रीय विश्वविद्यालय नहीं है। इसलिए सरकार ने नया संस्थान स्थापित करने का फैसला किया है। इसका मकसद उच्च शिक्षा तक छात्रों की पहुंच सुनिश्चित करना है।
लोकसभा में पेश हुए दो विधेयक
गौरतलब है की सोमवार को आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021 और राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021 लोकसभा में पेश किया। राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (संशोधन) विधेयक में गुणवत्ता और सस्ती चिकित्सा शिक्षा तक पहुंच में सुधार करने के लिए राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग अधिनियम, 2020 में संशोधन का प्रस्ताव है।
इस वर्ष 11 जून को भारतीय चिकित्सा प्रणाली के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया गया था और उसी दिन को भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद अधिनियम, 1970 को निरस्त कर दिया गया था।
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