
पुराने नियमों व कानून के साथ होगा रेलवे का संचालन
लगभग 600 दिनों के बाद भारतीय रेलवे ने देशभर के यात्रियों को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है। कोविड-19 के चलते हुए लॉकडाउन के बाद से अब पहले की तरह ट्रेनें चलेंगी। स्पेशल और फेस्टिवल स्पेशल (ट्रेन नंबर से पहले) का टैग हटा दिया जाएगा। इससे पुराने नंबर पहले की तरह जीरो से आगे बढ़ते रहेंगे। पुरानी व्यवस्था पूर्ववत होने के बाद रेलवे किराए में भी बदलाव होगा। पहले मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में किराए का भुगतान करना पड़ता था।
रेलवे बोर्ड ने जारी किया आदेश
रेलवे बोर्ड की ओर से यह आदेश जारी किया गया है। नई व्यवस्था कब से प्रभावी होगी? इसकी तारीख की घोषणा अभी नहीं की गई है। रेलवे बोर्ड के उप निदेशक कोचिंग राजेश कुमार ने सभी जोनों को इस संबंध में तैयारी शुरू करने का निर्देश दिया है। पिछले साल 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दिन से ही देशभर में ट्रेनों को रोक दिया गया था। फिर ट्रेनें फिर से चरणों में चलीं। रेलवे ने कोविड को स्पेशल बनाकर ट्रेन चलाने की मंजूरी दी। इसने देश भर में ट्रेनों की संख्या में शून्य जोड़ दिया।
कम होगा किराया
दर्जनों ट्रेनें ऐसी हैं जो त्योहार के लिए विशेष रूप से चलाई गईं। फेस्टिव स्पेशल के तौर पर चलने वाली इन ट्रेनों के किराए में काफी बढ़ोतरी हुई है। अब प्री-कोविड ट्रेनें फिर चलेंगी। ट्रेन के शेड्यूल में कोई बदलाव नहीं होगा। समय पर चलने वाली ट्रेनें उसी शेड्यूल के अनुसार चलेंगी। सबसे अहम फायदा यह है कि ट्रेन यात्रियों को अब अतिरिक्त किराए का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। जब रेलवे ने लॉकडाउन के बाद परिचालन फिर से शुरू किया तो ट्रेनों का संचालन विशेष रूप से किया गया। सभी ट्रेनें अभी भी स्पेशल के तौर पर चल रही हैं। विशेष दर्जे के चलते यात्रियों से अधिक किराया वसूला जा रहा है। स्थिति सामान्य होते ही वाहनों का किराया कम किया जाएगा। यह बड़ी राहत की बात है।