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जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठनों का नया पैंतरा, आर्मी ने किया ये दावा
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों ने अपने ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) के रूप में महिलाओं, युवतियों और नाबालिग बच्चों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। इनसे वे हथियार, ड्रग्स और मैसेज भेजने का काम करवा रहे हैं। यह जानकारी चिनार कॉर्प्स के लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह औजला ने दी।
लेफ्टिनेंट जनरल औजला ने न्यूज एजेंसी PTI से बातचीत में बताया कि इंटेलिजेंस एजेंसीज और सुरक्षाबलों ने हाल के दिनों में आतंकियों के स्लीपर सेल पर तेजी से कार्रवाई की है। इसके बाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और सरहद पार बैठे आतंकी संगठनों ने टेरर एक्टिविटी के लिए महिलाओं और नाबालिग बच्चों को सॉफ्ट टारगेट बनाया है।
दहशतगर्दों ने कम कर दिया टेकिंट का उपयोग
अमरदीप सिंह औजला ने बताया कि कुछ ऐसे ही मामलों का पता सेना ने लगाया है। नियंत्रण रेखा (LoC) के पार बैठे लोग मौजूदा हालात को बिगाड़ने की साजिश रचने में बिजी हैं। सुरक्षाबलों को आतंकियों के मंसूबों को नाकाम करने के लिए और सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा, आतंकी गतिविधियों के लिए दहशतगर्दों ने टेकिंट यानी टेक्निकल इंटेलिजेंस का उपयोग कम कर दिया है। अब वे बातचीत या मैसेज भेजने के लिए मोबाइल जैसे साधनों के प्रयोग से बच रहे हैं और पारंपरिक साधनों का उपयोग बढ़ा रहे हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह औजला ने बताया कि हम इस पर सरकार और प्रशासन के सहयोग से काम कर रहे हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए सेना ‘सही रास्ता’ कार्यक्रम चला रही है। इसमें महिलाओं और बच्चों को इसके नुकसान के बारे में बताया जा रहा है। इसका हमें अच्छा रिजल्ट भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हमें सावधान रहने की जरूरत है और किसी भी कीमत पर अपनी सुरक्षा में कमी नहीं आने देनी है। देश की सुरक्षा हमारी प्रमुख जिम्मेदारी है। हम इसे बनाए रखने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।