बरेली: बरेली का Narayan collegeभरोसे का दूसरा नाम बन गया है। बरसों से छात्रों को सिविल एविएशन समेत तमाम कोर्सों के जरिए भविष्य की राह दिखा रहे कॉलेज की शुक्रवार को लोकसभा में तारीफ हुई। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्या सिंधिया ने शुक्रवार को लोकसभा में सिविल एविएशन कोर्स के लिए देश के भरोसेमंद चार कॉलेजों का नाम लिया, जिसमें बरेली का नारायण कॉलेज भी शामिल है।
नवाबगंज में पीलीभीत रोड पर बसे गांव सिथरा में हाइवे किनारे बने नारायण कॉलेज में सिविल एविएशन कोर्स का कराया जाता है और यहां के बच्चेन देश के बड़े-बड़े एयरपोर्ट पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कॉलेज में तमाम दूसरे कोर्स भी चल रहे हैं जो छात्र-छात्राओं को कॅरियर की राह दिखा रहे हैं। कॉलेज के चेयरमैन शशिभूषण ने कहा कि वह बरसों से दिन रात मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने लोकसभा में दिए गए सम्मान के लिए मोदी सरकार और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्या सिंधिया का धन्यवाद दिया है।
कौन ले सकता है सिविल एविएशन कोर्स में एडमिशन
कॉलेज चेयरमैन शशि भूषण ने बताया कि हमने सिविल एविएशन कोर्स की शुरुआत वर्ष 2006 में की थी। उस समय इसका उद्घाटन डेक्कन एयरलाइंस के मालिक कैप्टन गोपीनाथ ने किया था। उसके बाद से हम लोग लगातार यह कोर्स चला रहे हैं और देश के लगभग हर बड़े एयरपोर्ट पर नारायण कॉलेज के बच्चे अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस कोर्स के लिए इंटरमीडिएट पास बच्चे अप्लाई कर सकते हैं यानी इस कोर्स के लिए अप्लाइई करने के लिए आपकी न्यूेनतम शैक्षिक योग्यता 12वीं पास होनी चाहिए। यह एक वर्ष का कोर्स होता है, जिसमें दो अलग-अलग प्रकार के कोर्स हैं। एक एयर होस्टेस यानी क्रू मेंबर्स और दूसरा ग्राउंड स्टाफ का कोर्स होता है। ज्यादातर बच्चे ग्राउंड स्टाफ कोर्स ही करते हैं, क्योंकि उसमें जॉब ज्यादा रहती हैं। उन्होंयने बताया कि इस कोर्स के लिए हमारे कॉलेज को भारत सरकार की नेशनल स्किल डेवलपमेंट काउंसिल से मान्यता प्राप्त है।
सिविल एविएशन कोर्स की फीस
शशि भूषण ने बताया कि एक वर्ष के इस कोर्स के लिए हमारे कॉलेज में सिर्फ 98000 रुपये फीस ली जाती है। जबकि, प्रदेश में यह कोर्स कराने वाले कई कॉलेजेस हैं, जिन्हेंी मान्यता भी प्राप्त नहीं है और वह इसके लिए एक लाख 60 हजार रुपये फीस लेते हैं। उन्होंसने बताया कि वर्तमान समय में उनके कॉलेज में सिविल एयर एविएशन कोर्स में 120 बच्चे पढ़ रहे हैं। इस दौरान उन्हों ने यह भी बताया कि कोरोना काल में कॉलेज में बच्चों की संख्या कम हो गई थी, लेकिन स्थिति सुधरने के साथ बच्चों की संख्या भी बढ़ी है।
इस कोर्स से जॉब की संभावना
कॉलेज चेयरमैन ने बताया कि उत्तर प्रदेश में वाराणसी, अयोध्या, कुशीनगर व नोएडा में जेवर एयरपोर्ट का निर्माण चल रहा है और प्रदेश में यह कोर्स कराने वाले तीन से चार ही कॉलेज हैं, जिन्हेंह भारत सरकार से मान्यता प्राप्त है। ऐसे में इन कॉलेज से पास होने वाले बच्चे कम हैं और जॉब ज्यादा है। यानी इनके लिए रोजगार की कोई कमी नहीं है। उन्हों ने कहा कि हमारे कॉलेज में बच्चों को अच्छी तरीके से शिक्षा दी जाती है, जिसका परिणाम यह है कि इस कोर्स में प्रवेश लेने वाले सभी बच्चे पास होते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में लिया नारायण कॉलेज का नाम
शशि भूषण से जब नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा लोकसभा में नारायण कॉलेज का नाम लेने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए बहुत खुशी की बात है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ने उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के एकमात्र हमारे नारायण कॉलेज का नाम लिया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री जी ने देश के चार मान्यता प्राप्त कॉलेज में से हमारे कॉलेज का नाम लिया, जो हमारे लिए बहुत गर्व की बात है।
अधिक से अधिक को रोजगार दिलाना ही लक्ष्य: शशि भूषण
भविष्य की योजनाओं के बारे में बात करते हुए नारायण कॉलेज के चेयरमैन शशि भूषण ने कहा कि वर्ष 2006 में यूपी में एयर एविएशन कोर्स का पहला सेंटर हमने ही खोला था। इसके बाद वर्ष 2008 में दिल्ली के प्रगति मैदान में एविएशन जॉब फेयर लगाया, जो हिंदुस्तान के किसी भी कॉलेज ने आज तक प्रगति मैदान में रोजगार मेला नहीं लगाया। उन्होंने बताया कि तीन दिनों चले इस रोजगार मेले में 350 बच्चे सिलेक्ट हुए थे।
उन्होंने बताया कि उस समय की जितनी भी एयरलाइंस थीं किंगफिशर से लेकर डेक्कन एयरलाइन तक सभी आई थीं। सभी ने जॉब के लिए अपने स्टाल लगाए थे। तब से अभी तक हम लगातार यह कार्य कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। उन्हों्ने कहा कि हमारा यही प्रयास है कि एविएशन सेक्ट र में कोर्स करके ज्यादा से ज्यादा बच्चों को रोजगार मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि एविएशन सेक्टर में कॉलेज कम हैं और एडमिशन लेने वाले बच्चे भी कम हैं, जबकि इस सेक्टर में जॉब बहुत हैं। ऐसे में अगले कुछ सालों तक जितने भी बच्चे किसी भी इंस्टिट्यूट से सिविल एविएशन का कोर्स करेंगे, उन्हें जॉब मिलेगी।
शशि भूषण ने कहा कि सबसे अच्छी बात यह है कि भारत की मान्यता प्राप्त एनएसडीसी ने अपनी अलग-अलग एसएससी बनाई हुई है, इसमें जो एयरलाइन के एसएससी है वह बेंगलुरु में है, जो सरकार की ओर से ऑल ओवर इंडिया एफीलिएशन देखती है। हम वहां पायनियर हैं यानी वहां पहला बैच हमारा ही निकला है। सबसे खास बात है कि अब सिविल एविएशन में जितनी भी जॉब निकलती हैं, वह एसएससी के पास आएंगी और हम उसके ही माध्यम से बच्चों का प्लेसमेंट कराएंगे।