
लखनऊ : देश में चल रही जातीय जनगणना की मांग के बीच सुप्रीम कोर्ट में सरकार के द्वारा दिए गए हलफनामे को लेकर एक बार फिर से राजनीति शुरू हो गई है। इसी बीच बहुजन समाज पार्टी के मुखिया मायावती ने जाति जनगणना को लेकर केंद्र पर हल्ला बोला। मायावती ने कहा कि बीजेपी की ओबीसी राजनीति का पर्दाफाश हुआ उन्होंने कहा कि एससी एसटी की तरह ही अब ओबीसी की भी जातीय जनगणना कराने की मांग पूरे देश में जोर पकड़ चुकी है।
मायावती ने ट्विटर पर हमला बोलते हुए लिखा कि केंद्र सरकार द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट के हलफनामा दाखिल करके पिछड़े वर्गों की जाति जनगणना कराने से साफ तौर पर इंकार कर देना या अधिक गंभीर व चिंतनीय जो भाजपा की चुनावी स्वार्थ की ओबीसी राजनीति का पर्दाफाश वॉइस की कथनी व करनी में अंतर को उजागर करता है।
सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर देने के बाद सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने साफ कर दिया है कि जनगणना में ओबीसी जातियों की गिनती नहीं करवाएगी और देश में इस तरह की जनगणना व्यवहारिक नहीं है जबकि देश में 1951 से नीति लागू है इसे सरकार ने जारी रखने का फैसला लिया है। नीत के अनुसार एससी एसटी धार्मिक और भाषाई समूह की गिनती की जाएगी।
कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए सामाजिक न्याय मंत्रालय ने कहा कि पिछड़ी जातियों की गणना कर पाना व्यवहारिक नहीं होगा क्योंकि 2011 में जो सोशियो इकोनामिक एंड कास्ट सेंसस किया गया था उसे ओबीसी की गणना नहीं कहा जा सकता।