मुस्लिम पक्ष ने मांगी ज्ञानवापी के अंदर वजू की इजाजत, SC ने वाराणसी कलेक्टर पर छोड़ा फैसला
CJI ने कहा- वाराणसी कलेक्टर मंगलवार को मीटिंग बुलाकर फैसला करें, 21 अप्रैल को होगी सुनवाई
नई दिल्ली: ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वजू की परमिशन मांग रहे मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई की। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि 18 अप्रैल को वाराणसी कलेक्टर संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाएं और उसमें निर्णय करें, जिससे ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में वजू के लिए सुविधा दी जा सके।
शीर्ष अदालत में यह याचिका अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने दायर की थी। इसमें कहा गया था कि मस्जिद के अंदर बने वजूखाने को खोल दिया जाए, जिसे शिवलिंग बताकर सीलबंद कर दिया गया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 21 अप्रैल को तय की गई है।
कोर्ट रूम में दी गई दलीलें
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता– वे जिस जगह वजू की परमिशन मांग रहे हैं, वह विवादित क्षेत्र है, जहां शिवलिंग है और इसलिए यह मांग समस्या पैदा कर सकती है। हालांकि, इस पर कलेक्टर और मस्जिद कमेटी निर्णय ले सकती है।
मुस्लिम पक्ष के वकील हुजैफा अहमदी– अभी रमजान चालू है। अधिकारी मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था कर सकते हैं।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता– चिंता का विषय यह है कि मोबाइल टॉयलेट परिसर की पवित्रता को प्रभावित न करे। अधिकारियों को इसके लिए उचित कदम उठाने होंगे।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़- याचिकाकर्ता वजू और शौचालय के लिए पर्याप्त जगह चाहते हैं। इसके लिए कल (18 अप्रैल) वाराणसी कलेक्टर एक बैठक बुलाएं, जिससे एक सौहार्दपूर्ण हल निकाला जा सके। इस मामले को 21 अप्रैल को लिस्ट किया जाए। अगर बैठक में आपसी सहमति से वजू और मोबाइल टॉयलेट के लिए निर्णय लिया जाता है तो कोर्ट के अगले आदेशों का इंतजार किए बिना, इसे लागू किया जा सकता है।
मुस्लिम पक्ष ने क्यों की ये मांग?
दरअसल, वाराणसी कोर्ट ने 13 मई को सर्वे के बाद मस्जिद के अंदर शिवलिंग पाए जाने पर वजूखाना सील करने का आदेश दिया था। 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वाराणसी कोर्ट का आदेश मुसलमानों को मस्जिद में एंट्री, नमाज के अधिकार को प्रतिबंधित नहीं करेगा। इसी दौरान शिवलिंग के संरक्षण को अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया गया था। हालांकि, रमजान के दौरान मस्जिद कमेटी ने वजू के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की मांग करते हुए याचिका दायर की। इसी पर सुनवाई करते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने 21 अप्रैल की तारीख तय की है।