MP: मध्यप्रदेश में गुजरात मॉडल लागू करने की उठी मांग, शिवराज के मंत्रियों की बढ़ी धड़कनें
2018 के विधानसभा चुनाव से पहले भी कैबिनेट में बदलाव किया गया था कई मंत्रियों को हटाया गया था। अभी कई क्षेत्रों के कैबिनेट
मध्य प्रदेश: गुजरात विधानसभा चुनाव में मिली ऐतिहासिक जीत के बाद देश में भारतीय जनता पार्टी के नेता कौशल लेकिन मध्यप्रदेश में शिवराज कैबिनेट के मंत्रियों की धड़कन बढ़ गई। बता दें कि गुजरात में चुनाव से ठीक पहले एंटी कमरे सीके फैक्टर को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट ही बदल दी गई थी। वहीं कई दिग्गज नेताओं की टिकट काटकर ने चिराग उम्मीदवार बनाया गया था इसे गुजरात में बीजेपी के इतिहासिक जीत मिलने का आधार बताया जा रहा है। बता दें कि गुजरात में बीजेपी को इतिहासिक जीत मिलने का इसी को आधार बताया जा रहा है। अगले वर्ष मध्यप्रदेश में होने वाली विधानसभा चुनाव को लेकर कैबिनेट में बदलाव को लेकर चर्चाओं का दौर तेज हो गया है वहीं नॉन परफारमेंस वाले मंत्रियों को हटाने और कई के विभाग बदलने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
सबसे अहम बात है कि गुजरात में शिवराज कैबिनेट से सिंधिया गुट के मंत्रियों को भी हटाया जाने की चर्चा जोरों पर है। बीजेपी नेता मध्य प्रदेश में भी गुजरात जैसी गीत दो रहने की बात करें गुजरात में चुनाव से पहले और सत्ता और संगठन दोनों में ही बड़े फेरबदल किए गए। बता दें कि मध्य प्रदेश में भी ऐतिहासिक जीत हासिल करने के लिए वहां भी गुजरात मॉडल लागू करने की योजना बनाई जा रही है।
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बता दें कि गुजरात में मिली ऐतिहासिक जीत के बाद राष्ट्रीय महासचिव और वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने गुजरात मॉडल को पूरे देश में लागू करने की बात कही । इतना ही नहीं उसे एक कदम आगे बढ़ते हुए बीजेपी के मैहर से विधायक नारायण त्रिपाठी ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को इस बारे में चिट्ठी भी लिख दी। उन्होंने कहा कि सत्ता और संगठन दोनों में ही आमूलचूल परिवर्तन किया जाना चाहिए। इसके और बीजेपी के अंदर से ही बदलाव की उठी मांग में कई मंत्रियों विधायकों की नींद उड़ा दी है।
गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले भी कैबिनेट में बदलाव किया गया था कई मंत्रियों को हटाया गया था। अभी कई क्षेत्रों के कैबिनेट में प्रतिनिधि भी नहीं मिला है आने वाले चुनाव में जातिगत समीकरण को ध्यान में रखकर शिवराज कैबिनेट में बदलाव हो सकता है।