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गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का अब तक 79 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से कनेक्ट होगा लिंक एक्सप्रेसवे

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश में रोड कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने पर लगातार काम कर रही योगी सरकार इस साल के अंत तक गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर आवागमन सुविधा शुरू करने की तैयारी में है। अगस्त के तीसरे सप्ताह तक इस एक्सप्रेसवे का तीन चौथाई से अधिक काम पूरा हो चुका है। इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने से गोरखपुर क्षेत्र, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के माध्यम से लखनऊ, आगरा एवं दिल्ली तक त्वरित एवं सुगम यातायात कॉरिडोर से जुड़ जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में से एक गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे गोरखपुर बाईपास एनएच- 27 ग्राम जैतपुर के पास से प्रारंभ होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर जनपद आजमगढ़ के सालारपुर में समाप्त होगा।

5876.67 करोड़ की लागत से बन रहा 91 किमी का लिंक एक्सप्रेसवे

91.352 किमी लंबे इस एक्सप्रेसवे की कुल लागत 5876.67 करोड़ रुपये है। इससे जनपद गोरखपुर, अम्बेडकरनगर, संतकबीरनगर, आजमगढ़ सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे तीव्र संपर्क तथा बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करेगा। साथ ही साथ संबन्धित क्षेत्र के जनमानस को भी एक दूसरे के और निकट लाने में मदद करेगा। यूपी एक्‍सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर 25 अगस्त तक अद्यतन जानकारी के अनुसार के अनुसार गोरखपुर लिंक एक्‍सप्रेसवे का 79 फीसद निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। क्लियरिंग एंड ग्रबिंग का काम 100 फीसद, मिट्टी का 96 फीसद पूरा कराया गया है। एक्‍सप्रेसवे पर कुल प्रस्‍तावित 341 संरचनाओं में से 331 बन चुके हैं। अन्य के निर्माण का कार्य तेजी से कराया जा रहा है।

गत दिनों गोरखपुर के कमिश्नर अनिल ढींगरा ने बड़ी परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में निर्माण कार्य मे तेजी लाते हुए दिसम्बर 2023 तक एक्सप्रेस वे को आवागमन योग्य बनाने का निर्देश दिया था। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर आवागमन शुरू होने के बाद पूर्वांचल के एक बड़े क्षेत्र के लोगों को लखनऊ पहुंचने में बस साढ़े तीन घंटे का समय लगेगा। इसके अलावा दिल्ली से लेकर आगरा तक के शानदार सफर का आनंद लोग ले सकेंगे। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण से गोरखपुर क्षेत्र के सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। एक्सप्रेसवे के प्रवेश नियंत्रित होने से वाहनों के ईंधन खपत में महत्वपूर्ण बचत, समय की बचत एवं पर्यावरणीय प्रदूषण का नियंत्रण भी संभव हो सकेगा।

विकास को मिलेगी रफ्तार

इस एक्सप्रेसवे से अच्छादित क्षेत्रों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों की आय को बढ़ावा मिलेगा। एक्सप्रेसवे से अच्छादित क्षेत्रों में स्थित विभिन्न उत्पादन इकाइयों, विकास केंद्रों तथा कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने हेतु एक इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा। एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के निर्माण के लिए योगी सरकार ने बजट में 200 करोड़ रुपये का आवंटन भी कर रखा है। इससे औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही रियल एस्‍टेट मार्केट में भी उछाल आने की उम्मीद की जा रही है। एक्सप्रेसवे के निकट इण्डस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, मेडिकल संस्थान आदि की स्थापना हेतु भी अवसर सुलभ होंगे। एक्सप्रेसवे खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, भंडारण गृह मण्डी तथा दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना हेतु एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा।

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