
मॉनसून सत्र: कांग्रेस महंगाई के मुद्दे पर साधेगी केंद्र सरकार पर निशाना, कहा- चार फीसदी महंगाई का लक्ष्य 6.26 पर पहुंची
मानसून सत्र में महंगाई पर छिड़ सकती जंग। संसद में इस मुद्दे पर कांग्रेस करेगी सरकार का घेराव। सरकार पर देश की जनता के मजबूरी का लाभ उठाने का लगाया आरोप।
नई दिल्ली। हाल ही में लोकसभा अध्यक्ष द्वारा मॉनसून सत्र की तारीख के ऐलान के बाद सियासी अटकलें तेज हो गयीं हैं। आगामी 19 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र में महंगाई पर जंग छिड़ सकती है। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि कांग्रेस इसे बड़ा मुद्दा बनाकर संसद में सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है।
इस कर्म में आगे बढ़ते हुए आज कांग्रेस ने आरोप लगते हुए केंद्र सरकार को महंगाई को रोकने में विफल बताया। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर देश की जनता के मजबूरी का लाभ उठाने का आरोप लगाते हुए पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम करने और आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी की दरें कम करने की मांग की।
महंगाई को लेकर केंद्र सरकार पर लगाया आरोप:
पार्टी के वरिष्ठ व पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मीडिया से वार्ता में बताया कि कांग्रेस संसद के मॉनसून सत्र में महंगाई के मुद्दे को उठाएगी। आज मीडिया से वार्ता में उन्होंने कहा कि महंगाई को लेकर राजग सरकार लगातार लापरवाही बरत यही है और यह बताने की कोशिश कर रही है कि महंगाई से जुड़ी चिंता फर्जी है। कांग्रेस पार्टी महंगाई के इस गंभीर मुद्दे पर केंद्र सरकार की घोर लापरवाही की निंदा करती है।
चार फीसदी महंगाई का लक्ष्य 6.26 पर पहुंची:
वित्त मंत्री के अनुसार केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ने शुरुवाती दौर में चार प्रतिशत के आसपास महंगाई दर का लक्ष्य साधा था। मगर, केंद्र सरकार का वह लक्ष्य छह प्रतिशत की अधिकतम सीमा को भी पार कर चुकी है। एनएसओ की ओर से सोमवार को जारी विज्ञप्ति के मुताबिक यह 6.26 प्रतिशत तक पहुंच गई है। शहरी उपभोक्ता मुद्रास्फीति मई में 5.91 प्रतिशत थी जो जून में बढ़कर 6.37 प्रतिशत तक पहुंच गई।
देश की जनता महंगाई के आगे बेबस:
पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ जहाँ देश में प्रतिदिन बढ़ रही महंगाई ने जनता को बेबस कर दिया है। तो वहीँ दूसरी तरफ, केंद्र सरकार लोगों की बेबसी का पुरजोर फायदा उठाने में जुटी हुई है। इसीलिए हमारी पार्टी ने केंद्र सरकार से पेट्रोल, डीजल और एलपीजी बढ़ती कीमतों में कमी करने की मांग की है।
इसके साथ ही आयात शुल्क की समीक्षा भी की जाए और इसे फिर से तय किया जाए। इसके साथ ही अन्य वस्तुओं के जीएसटी की दरों में भी कटौती करने की मांग कि है। पार्टी का मानना है कि इन कदमों से महंगाई से जूझ रहे लोगों को राहत मिलेगी।
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