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मोहन भागवत के बयान से मिला सियासी मुद्दा, बीजेपी और शिवसेना आमने-सामने

बीजेपी नेता राम कदम ने कहा कि जो पार्टी हिन्दुत्व का त्याग कर चुकी है। वह संघ प्रमुख के भाषण को नहीं समझेगी।

संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान से राजनीति पार्टियों को सियासी मुद्दा मिल गया है। इस मुद्दे की मदद से राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर जुबानी वार कर रहे हैं। मोहन भागवत का हिन्दुत्व पर दिए बयान से शुरू हुआ विवाद थम नहीं रहा है और लोग आए दिन बातों के बाण एक-दूसरे पर चला रहे हैं। अब शिवसेना ने बीजेपी पर निशाना साधा है।

एक इंटरव्यू में शिवसेना ने कहा कि संघ प्रमुख ने भले ही ये मान लिया है कि धर्म के आधार पर किसी से भेदभाव नहीं करना चाहिए, लेकिन क्या संघ का राजनीतिक अंग भाजपा ने इस बात को स्वीकार किया है। देश में धर्म देखकर किसी का वर्चस्व स्थापित नहीं होने की बात भागवत ने कही है। लेकिन क्या दिल्ली में बैठे सत्ताधारी इसे मानने को तैयार हैं।

बीते सात सालों में घर में ‘बीफ’ मिलने के शक में कई लोगों की मॉब लिंचिंग कर दी गई, लेकिन हिन्दुत्ववादी सरकार वाले कई राज्यों में गाय का मांस बेचा जाता है। इससे बड़ी कमाई की जाती है। यह तो ढोंग है और संघ प्रमुख ने इसी पर हमला बोला है। वहीं बीजेपी ने इस बयान पर पलटवार किया है।

बीजेपी नेता राम कदम ने कहा कि जो पार्टी हिन्दुत्व का त्याग कर चुकी है। वह संघ प्रमुख के भाषण को नहीं समझेगी। अगर ये स्वर्गीय बाला साहब ठाकरे की शिवसेना होती तो इस बयान को समझ भी पाती। लेकिन कोर्ट में भगवान राम के मंदिर का विरोध करने वाली कांग्रेस के साथ सरकार बनाने वाली शिवसेना को हिन्दुत्व कभी नहीं समझ आएगा। सत्ता के लालच में शिवसेना ने हिन्दुत्व का त्याग कर दिया और महाराष्ट्र की जनता के साथ धोखा दिया है।

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