मोबाइल Apps की बढ़ती डिमांड, युवाओं को भविष्य बनाने का दे रही है सुनहरा मौका
mobile apps : देश में कोरोना वायरस संक्रमण उस वक्त आया जब देश में 4G डाटा की हाई स्पीड लोगों के एंड्राइड मोबाइल फोन में घूम रही है एंड्राइड मोबाइल फोन और 4G नेटवर्क इतना सस्ता हो चुका है कि भारत के अंदर हर चौथे इंसान के पास यह फोन और इंटरनेट की सुविधा देखने को मिल जाती है ऐसे में कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में और ज्यादा इन चीजों का इस्तेमाल किया जा रहा है वही मोबाइल एप्स का भी प्रचलन बढ़ता जा रहा है एंड्रॉयड यूजर्स प्ले स्टोर से मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड करके ऑनलाइन शॉपिंग से लेकर ऑनलाइन पेमेंट तक के काम कर रहे हैं ऐसे में कई ऐसे भारतीय अब भी है जो काफी तेजी से लोगों द्वारा डाउनलोड किए जा रहे हैं।
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भारत के अंदर तकनीकी का दौर बदल रहा है तकनीक एडवांस होती जा रही है ऐसे में अब लोगों का सामान खरीदना गाने सुनना अखबार पढ़ना गेम खेलना और भी बहुत सारे अन्य काम मोबाइल और स्मार्टफोन के जरिए ही हो जाते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है फिर सभी काम हम किस की मदद से करते हैं यह सभी काम हम अपने मोबाइल फोन में इंस्टॉल किए हुए मोबाइल एप्लीकेशंस ( mobile apps ) के साथ करते हैं। Mobile application डेवलपर द्वारा तैयार की जाती है उसके बाद उन्हें प्ले स्टोर पर अपलोड कर दिया जाता है जहां से आप और हम सेवा लेने के लिए डाउनलोड करते हैं।
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जब हम पूरी तरीके से मोबाइल एप्लीकेशंस पर निर्भर हो चुके हैं तो ऐसा कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि आज के दौर में ऐप के कारण आपको मोबाइल किसी जादू की छड़ी से कम नहीं लगता है l ऐसे में सबसे ज्यादा स्मार्टफोन युवाओं द्वारा इस्तेमाल किया जाता है और युवाओं के लिए यह एक सुनहरा मौका भी साबित हो सकता है डेवलपमेंट में रुचि रखने वाले छात्र अपना खुद का मोबाइल एप्लीकेशन बनाकर मार्केट में उतार सकते हैं जिससे उनके भविष्य में भी काफी उन्नति देखने को मिल सकती है।
एक निजी न्यूज़ चैनल द्वारा लगाए गए अनुमान की माने तो मोबाइल एप का बाजार साल 2025 तक बढ़कर लगभग 1 हजार बिलियन यूएस डॉलर तक हो जाएगा। एक अन्य सर्वे के मुताबिक, 2030 तक 50 प्रतिशत लोग खरीदारी के लिए मोबाइल एप्लीकेशन का ही उपयोग करेंगे। इससे समझा जा सकता है कि प्रोग्रामिंग और मोबाइल एप्लीकेशन डेवलपमेंट सीखना अब कितना जरूरी हो गया है। सरकार द्वारा अधिकांश कार्य ऑनलाइन माध्यम से करने पर जोर दिये जाने से आने वाले वर्षों में युवाओं के लिए इसमें करियर संभावनाएं और तेजी से बढ़ेंगी।
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लाखों रोजगार
अगर लगाए गए अनुमान सही साबित हुए तो युवाओं के लिए रोजगार की एक नई राह खुल जाएगी जो युवाओं को कमाई कराने के लिए काफी बेहतर साबित होगी आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिस तरह से आजकल आए दिन नये-नये एप्स लॉन्च हो रहे हैं, उसे देखते हुए एप डेवलपर्स की डिमांड भी लगातार बढ़ रही है। टेक और सॉफ्टवेयर कंपनियों से लेकर वैल्यू एडेड सर्विसेज देने वाली कंपनियों में अभी इनकी सबसे अधिक जरूरत देखी जा रही है, जो मोबाइल यूआइ डिजाइनर और यूजर एक्सपीरियंस ऐंड यूजेबिलिटी एक्सपर्ट के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस फील्ड में प्रोग्रामिंग में प्रशिक्षित आइटी प्रोफेशनल्स की डिमांड ज्यादा है।
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कितनी मिल सकती है सैलरी ?
मोबाईल ऐप बनाने वाले डेवलपर 50000 से लेकर 2000000 रुपए तक वसूलते हैं ऐसे में आप इसके बाजार और इसमें अपार संभावनाओं का अंदाजा लगा सकते हैं कि आईटी कंपनी को ज्वाइन करने से आप को कितनी तनख्वाह मिल सकती है अगर आप का बनाया हुआ कोई ऐप वायरल हो जाता है या उससे लाखों करोड़ों की संख्या में लोग अपने फोन में डाउनलोड करके इस्तेमाल करते हैं तो उससे भी आपकी कमाई होगी अगर आप किसी कंपनी द्वारा मोबाइल ऐप बनाते हैं तो भी आपको अच्छी वेतन मिल सकती है।