
लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा आज सुबह राष्ट्र के संबोधन में तीनों कृष कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया। देश में तीनों कृषि कानून के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के साथ-साथ आंदोलन का समर्थन कर रही जनता हमें भी खुशी की लहर है। तीनों कृष कानूनों की वापसी के ऐलान के बाद शुरू हुए आंदोलन को वेस्ट यूपी के किसानों ने उसे इस मुकाम तक पहुंचाया है। बता दें कि कृष कानूनों के विरोध में आंदोलन पंजाब से शुरू होकर उत्तर प्रदेश और हरियाणा समेत कई राज्यों में पहुंचा था। लेकिन तीनों कृष कानूनों के विरोध में सरकार को सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में आंदोलन को समर्थन मिला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा आज तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया है। तीनों कृष कानूनों के वापस लेने के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में विपक्ष की भूमिका निभा रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गाँधी ने बड़ा बयान दिया है |
गौरतलब है कि आज प्रियंका गांधी ने कृषि कानूनों की वापसी के एलान पर कहा कि सरकार संसद में किसानों के लिए अध्यादेश लाए। इस सरकार की नीयत पर भरोसा नहीं है। चुनाव की जो परिस्थितियां है उस देखते हुए ही आज सरकार को ये फैसला लेना पड़ा है। ये आंदोलन किसानों का था।
इसमें हमने व अन्य सभी दलों ने समर्थन किया। लेकिन इसका श्रेय किसानों को ही जाता है। जो आज हुआ वो अहंकार की हार है और किसानों की जीत। सरकार समझ गई कि उसे झुकना पड़ेगा। मेरे भाई ने भी ये बयान दिया था कि सरकार को झुकना पड़ेगा। जो कानून किसानों के खिलाफ हैं आगे भी वो सभी खत्म होने चाहिए।