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लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेंगी मायावती, प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में किए बड़े ऐलान  

कहा- राजस्थान, छत्तीसगढ़ और MP के विधानसभा चुनाव में गठबंधन नहीं करेंगे

नई दिल्‍ली: देश में सियासी लड़ाई अब NDA बनाम INDIA पर आ चुकी है। इसे लेकर बुधवार को उत्‍तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने आज प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में हम गठबंधन नहीं करेंगे। गठबंधन की सियासत कांग्रेस करती है। उनका जातिवादी दलों के साथ गठबंधन है। लोकसभा चुनाव हम अकेले लड़ेंगे।

मायावती ने कहा कि हम राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे। हरियाणा, पंजाब और अन्य राज्यों में हम राज्य के क्षेत्रीय दलों के साथ चुनाव लड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस पार्टी हवा-हवाई बात करते हैं। बीजेपी की बातें-दावे खोखले हैं और कांग्रेस सत्ता में आने के लिए गठबंधन कर रही है। हम ऐसा नहीं कर सकते हैं।

सत्‍ताधारी को मात देने में बसपा भी पीछे नहीं: मायावती

बसपा सुप्रीमो ने कहा, लोकसभा चुनाव का समय अब बेहद नजदीक है। सत्ताधारी गठबंधन व विपक्षी गठबंधन की बैठकों का दौर चल रहा है, हालांकि इन मामलों में हमारी पार्टी भी पीछे नहीं है। एक तरफ सत्ता पक्ष एनडीए अपनी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने की दलीलें दे रही है तो दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन इंडिया सत्ताधारी को मात देने के लिए कार्य कर रही है और इसमें BSP भी पीछे नहीं है।

उन्‍होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी अपने जैसी जातिवादी और पूंजीवादी सोच रखने वाली पार्टी के साथ गठबंधन करके फिर से सत्ता में आने की सोच रख रही है। साथ ही NDA फिर से सत्ता में आने का दावा ठोक रही है, लेकिन इनकी कार्यशैली यही बताती है कि इनकी नीति और सोच लगभग एक जैसी ही रही है। यही कारण है कि बसपा ने इनसे दूरी बनाई है। उन्‍होंने आगे कहा कि केंद्र की सरकार में भाजपा और कांग्रेस रही हैं। दोनों की सोच गरीब और वंचितों के लिए एक जैसी रही है। उन्‍होंने जमीनी हकीकत में कभी कोई ठोस काम नहीं किया। जब ऐसे लोग सत्ता से बाहर हो जाते हैं तो वोट लेने के लिए बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। इसलिए बसपा अकेले ही दलित और वंचितों के लिए काम कर रही है।

दलित-अल्‍पसंख्‍यक के लिए काम करती रहेगी बसपा

BSP चीफ मायावती ने आगे कहा कि अगर बसपा केंद्र की सत्ता में नहीं आती है, तो भी दलित और अल्पसंख्यक समाज के लिए काम करती रहेगी। उन्‍होंने कहा, देश में महंगाई और बेरोजगारी को लेकर संसद सत्र में जवाबदेही का भी इंतजार रहेगा। देश हित से जुड़े इन मामलों का लगातार जटिल बने रहना बहुत ही दुखद है। इसका निदान निकालना बहुत ही जरूरी है। अब लोकसभा चुनाव से पहले संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष का टकराव से बेहतर विकल्प निकालना चाहिए।

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