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केंद्र को मद्रास हाईकोर्ट की फटकार, जनसंख्या नियंत्रण कानून पर उठाए सवाल

मद्रास हाईकोर्ट ने जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर केंद्र सरकार से सवाल किया है कि जो राज्य जनसंख्या नियंत्रण कानून अपने राज्य में लागू करने से रह गए नहीं कर पाए जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार ,राजस्थान ,मध्य प्रदेश जैसे राजयो के सांसदो की संख्या ज्यादा है।

नई दिल्ली : भारत में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर एक और विवाद खड़ा हो गया है। इस विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। और सरकार से सरेआम सवाल पूछते हुए उनकी नाकामी को लेकर जवाब मांगा है। मद्रास हाईकोर्ट ने जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर केंद्र सरकार से सवाल किया है कि जो राज्य जनसंख्या नियंत्रण कानून अपने राज्य में लागू करने से रह गए नहीं कर पाए जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार ,राजस्थान ,मध्य प्रदेश जैसे राजयो के सांसदो की संख्या ज्यादा है।

वहीँ, दूसरी तरफ तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे राज्य जिन्होंने अपनी पूरी कोशिश के दाम पर इसमें सफलता पाई है उनके सांसदो की संख्या कम है। इस विवाद पर मद्रास हाईकोर्ट की एक बेंच ने कहा कि 17 अगस्त को एक आदेश पास किया था। जिसमें कहा गया है कि पिछले चुनाव के एवेज़ में तमिलनाडु को कंपनसेशन मिलना चाहिए जिसकी राशि कोर्ट ने छप्पन सौ करोड़ के लगभग बताई। और कहा 1962 में तमिलनाडु में 41 लोकसभा सांसद हुआ करते थे।

लेकिन जनसंख्या घटने के बाद यह सांसदो की सीटों की संख्या घटा कर 39 कर दी गई है। इस पर कोर्ट ने कहा है कि राज्यो की कोई गलती ना होने के बावजूद यहां संसदीय प्रतिनिधियों की संख्या कम कर दी गई है।

इस दिशा में कम से कम राज्यसभा प्रतिनिधियों की संख्या बढ़ा दी जाए ताकि जनसंख्या नियंत्रण पर तमिलनाडु के प्रयासों को पहचान मिल सके। इस पर कोर्ट ने सरकार को सीधा आदेश देते हुए कहा है कि संसद में राज्यों के प्रतिनिधितव का फैसला जनसंख्या नियंत्रण के आधार पर नहीं लिया जाना चाहिए।

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