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मध्य प्रदेश : नई तबादला नीति के तहत शिवराज ने मंत्रियो को सौपी जिलों की कमान
इन दिनों कई राज्यों में सियासत गर्मी हुई है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश में नई तबादला नीति भी शुरू हो गयी है। निति के तहत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मंत्रियों को अलग अलग जिलों के प्रभार सौंप दिए हैं । इस सूची में मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया का विशेष ख्याल रखा गया है। \
आपको बता दें सिंधिया समर्थक तुलसी सिलावट को ग्वालियर और हरदा जैसे अहम् जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को इंदौर जिले की कमान सौपी गई है। इसके अलावा पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव को जबलपुर और निवाड़ी का प्रभारी बनाया गया है।
इसके अलावा सीएम शिवराज के करीबी नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह को भोपाल की कमान दी गई है।गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में कुल 52 जिले हैं, लेकिन शिवराज सरकार में कैबिनेट और राज्य मंत्रियों की संख्या कुल 30 है। ऐसे में 22 मंत्रियों को दो-दो जिलों का प्रभार थमाया गया है। इसी जगह नरोत्तम मिश्रा और भूपेंद्र सिंह समेत आठ मंत्रियों को एक-एक जिले की जिम्मेदारी सौपी गयी है।
सूत्रों के अनुसार कयास लगाए जा रहे है कि 30 जून दोपहर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अज्ञात स्थान पर चले गए थे। हालांकि इस दौरान उनके साथ प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी भी थे। प्रदेश में दावा किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों को जिले का प्रभार सौपने की कवायद एकांत में करना चाहते थे।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा तीन दिन पहले ट्रांसफर पॉलिसी जारी की थी, जिसके तहत जिलों में तबादले प्रभारी मंत्री की अनुशंसा के बाद ही जाएंगे।
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश की नई तबादला नीति एक जुलाई से लागू होनी है । इस नीति में पहले अनुसूचित क्षेत्रों के रिक्त पदों को भरा जाएगा। जबकि कोरोना से गंभीर रूप से बीमार लोगों को भी प्राथमिकता की बात कही गयी है । तहसील, जिला व राज्य स्तर पर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के तबादले प्रभारी मंत्री व कलेक्टर एक दुसरे के साथ को ऑर्डिनेशन बना कर काम करेंगे ।