
कोवैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल पूरा, 77.8 फीसदी है प्रभावी
कोरोना महामारी को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार हर संभव कोशिश की जा रही है। एक ओर जहां भारत में कोरोना की चौथी वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है। वहीं, आज भारत के लोगों को कोवैक्सीन से जुड़ी खुशखबरी मिली है। दरअसल, बायोटेक ने स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल का अंतिम विश्लेषण पूरा कर लिया।
खबरों के मुताबिक, वैक्सीन का ट्रायल देश के 25 ट्रायल केंद्रों पर किया गया था। इसमें 18 से 98 साल तक के 25,800 वालंटियर्स ने हिस्सा लिया। इस वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के नतीजों के अंतिम विश्लेषण में कई महत्वपूर्ण बातें सामने आई है। भारत बायोटेक ने वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के अंतिम विश्लेषण पूरा कर नतीजा जारी किया है।
भारत बायोटेक ने 130 पुष्ट मामलों के मूल्यांकन के बाद तीसरे चरण के परीक्षणों के हिस्से के रूप में कोवैक्सीन की प्रभावकारिता के लिए अंतिम विश्लेषण समाप्त किया। नतीजों के अनुसार, कोवैक्सीन कोरोना संक्रमित मरीजों के ऊपर 77.8 फीसद प्रभावी पाई गई है। वैक्सीन बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों के ऊपर 63 फीसद प्रभावी पाई गई है। इसके अलावा कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ कोवैक्सीन को 65 फीसद प्रभावी पाया गया है।
बता दें कि भारत बायोटेक हैदराबाद स्थित कंपनी है। इसने कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल का डाटा भारतीय औषधि महानियंत्रक को सप्ताहांत पर सौंपी थी। कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के डाटा को लेकर कई मौकों पर सवाल उठाया गया था। इसी वजह से वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल की मांग की गई।
भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च के साथ मिलकर यह वैक्सीन बनाई है। यह भारत में बनी पहली स्वदेशी वैक्सीन है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैक्सीन को मंजूरी दिलाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ भारत बायोटेक की बैठक हुई है।
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