Madhya Pradesh: गुरु का साथ मिलते ही मजदूरी करने वाला बना National Player
Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश के हरदा जिले के छोटे तालाब में कभी परिवार के साथ मजदूरी करने वाले अजय चौहान इस वक्त एक नेशनल खिलाड़ी है और वो इस वक्त एसएसबी में नौकरी कर रहे है।
मध्यप्रदेश (MadhyaPradesh) में अजय चौहान के जीवन में यह बदलाव गुरु मयंक ठाकुर की छत्र-छाया में आने से हुआ है। अजय ने बताया कि हरदा के छोटे से गांव से भोपाल से आते हैं। यहीं पर छोटे तालाब पर कोच मयंक ठाकुर से अजय की मुलाकात हुई।
इसके बाद मेरे जीवन ही बदल गया। राजधानी भोपाल में रहने के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने और किराए का मकान लेने के लिए पास में पैसे नहीं थे। इस मुश्किल समय में कोच ने मुझे छोटे तालाब पर मप्र कयाकिंग एंव कैनोइंग सेंटर में रहने की सुविधा दे दी। इससे मुझे दोहरा फायदा हुआ। यहीं से मेरे जीवन में खेल शामिल हो गया और पढ़ाई भी जारी रखी।
कोच के कहने पर मैंने कयाकिंग खेल को चुना। अजय राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रदेश के लिए कई पदक जीत चुका है और खेल कोटे से उसे SSB में नौकरी मिल गई। वह अभी भोपाल में ही पदस्थ है।
अजय ने बताया कि गुरू मयंक ठाकुर का मेरे जीवन में बहुत बड़ा अहसान है। उन्हीं की वजह से मैं खिलाड़ी बना और मुझे शासकीय नौकरी मिली। अब मैं अपने माता पिता को मजदूरी नहीं करने देता हूं।
मेहनती खिलाड़ी है अजय
गुरू मयंक ठाकुर ने कहा अजय चौहान यहां आने से पहले अपने माता-पिता के साथ मजदूरी करता था, मुलाकात के बाद मैंने उसकी खेल क्षमता को देखा और वह मेहनती है। इसलिए उसे छोटे तालाब पर रहने की व्यवस्था की। इसके बाद उसने जो भी प्राप्त किया अपनी मेहनत से किया है।