मध्यप्रदेश: कोर्ट के फर्जी फैसले तैयार करने के मामले में आईएएस अधिकारी हुआ गिरफ्तार
कोर्ट के विशेष न्यायाधीश के नाम पर संतोष वर्मा द्वारा छह अक्टूबर, 2020 की तारीख के दो जाली फैसले किए गए तैयार। जाली फैसले की मदद से राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस संवर्ग में हुआ पदोन्नत।
भोपाल। महिला से मारपीट के मामले में स्थानीय कोर्ट के दो अलग-अलग जाली फैसले तैयार करने के आरोप में इंदौर पुलिस ने एक आईएएस अधिकारी को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों का दावा है कि आरोपी इस मामले में कथित दोषमुक्ति को लेकर अदालत के जाली फैसले की मदद से राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस संवर्ग में पदोन्नत हुआ था।
इंदौर के पुलिस अधीक्षक हरीश मोटवानी ने रविवार को मीडिया से वार्ता में बताया कि एक स्थानीय अदालत के दो जाली आदेश तैयार करने के मामले में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अपर आयुक्त संतोष वर्मा को पूछताछ के बाद शनिवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया है। मीडिया के द्वारा विस्तृत जानकारी पूछने पर उन्होंने जवाब दिया की इस मामले की जांच पुलिस कर रही है। अभी इस मामले में कुछ भी बोलना सही नहीं होगा।
आपको बता दें की इस पूर्वे मामले की शिकायत 26 जून को जिला न्यायालय के एक विशेष न्यायाधीश ने एमजी रोड थाने में दर्ज करवाई थी। उनकी शिकायत के आधार पर पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी), धारा 467 (दस्तावेजों की जालसाजी), धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और धारा 471 (जाली दस्तावेज को असली के रूप में इस्तेमाल करना) के तहत शिकायत दर्ज की गई थी।
अपनी इस शिकायत में न्यायधीश लगते हुए बताया था की किसी ने उनके नाम पर छह अक्टूबर, 2020 की तारीख के दो जाली फैसले तैयार किए हैं। जिसमें एक फैसले में वर्मा को एक महिला से गाली-गलौज, मारपीट और आपराधिक धमकी के आरोपों से बरी बताया गया था, जबकि दूसरे फैसले में दोनों पक्षों में समझौते की बात कही गयी है।
अपनी शिकायत में न्यायधीश ने बताया की जिस दिन ये फैसला लिया गया है उस दिन वह कैंसर का इलाज करा रही अपनी पत्नी की चिकित्सकीय जांचें कराने के लिए एक दिन के आकस्मिक अवकाश पर थें। वहीँ, इस पूरे मामले में पुलिस अधिकारीयों ने बताया कि पुलिस इस पूरे मामले की विस्तृत जांच कर रही है। इस मामले में जो भी दोषी होगा उससे बक्क्षा नहीं जायेगा।
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