Madhya Pradesh

Madhya Pradesh: बैजनाथ महादेव मंदिर के निर्माण से रहा अंग्रेजों का जुड़ाव

Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश के इंदौर के बैजनाथ महादेव मंदिर आगर जिला मुख्यालय से चार किमी दूर इंदौर-कोटा हाईवे पर है। इंदौर, उज्जैन शाजापुर के अलावा राजस्थान से भी भक्त दर्शन करने आते हैं।

ज्योतिर्लिंगों के अलावा देश के गिने-चुने प्राचीन शिवालयों के रूप में मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर के बैजनाथ महादेव मंदिर प्रसिद्ध है। श्रावण के आखिरी सोमवार को शाही सवारी निकाली जाती है। मंदिर में अखंड रामायण पाठ 48 सालों से जारी है। तीर्थ के रूप में विकसित करने की कोशिश जारी है।

बैजनाथ महादेव मंदिर का शिवलिंग करीब हजार वर्ष पुराना है। 16वीं शताब्दी में मठ के रूप में था, फिर शिवालय बना। 1883 में मठ के स्थान पर कलात्मक शिखरयुक्त आकर्षक मंदिर बनाया गया। उस दौरान यहां अंग्रेजों की छावनी थी। कर्नल मार्टिन की अगुवाई में मंदिर का निर्माण हुआ था।

आम दिनों में मंदिर में अलसुबह से ही भक्त पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं, जो गर्भगृह के बाहर से ही दर्शन करते हैं। पहली बार कोरोना संक्रमण के कारण भक्त शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ा पा रहे हैं। श्रावण सेामवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

नियमित भक्त नवनीत पालीवाल ने बताया कि मैं करीब 60 वर्षों से बाबा के दर्शन के लिए नियमित आता रहा हूं। बाबा का रोजाना शाम और श्रावण में हर सोमवार को विशेष श्रृंगार किया जाता है। स्थान प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है।

पं. सुरेंद्र शास्त्री आगर ने कहा कि बाबा बैजनाथ का स्थान कई मायनों में विशेष है। यहां से जुड़े परम भक्त वैराग्य धारण कर छोटे बापजी के रूप में प्रसिद्ध हुए स्व.जयनारायण शर्मा की प्रतिमा की पूजा भी सभा मंडप में की जाती है। अन्य प्रांतों के साथ ही विदेशी भी यहां आते हैं।

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